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अब सरकार शुरू करेगी वसूली, जांच के दायरे में 9 और कंपनियां | Hero-Electric and Okinawa were taking subsidy wrongly


6 घंटे पहले

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अब सरकार शुरू करेगी वसूली, जांच के दायरे में 9 और कंपनियां | Hero-Electric and Okinawa were taking subsidy wrongly

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली दो कंपनियों हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर केंद्र सरकार कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। दोनों कंपनियों पर 2019 से गलत तरीके से दावा कर FAME-II सब्सिडी लेने का आरोप है। सरकार अब इन कंपनियों से जल्द ही वसूली शुरू करेगी।

सरकार फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (FAME) के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देती है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, ‘मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज (MOHI) अब नियमों को तोड़ने वाली इन दोनों इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही उन्हें स्कीम से डी-रजिस्टर यानी कि बाहर किया जाएगा।

13 कंपनियां जांच के दायरे में
रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के जांच के दायरे में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा के अलावा 13 EV कंपनियां है। मंत्रालय को अन्य 9 EV कंपनियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट दो हफ्ते के अंदर मिलने की संभावना है। सरकार सब्सिडी को हड़पने के मामले में FIR दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है और जांच पूरी होने के बाद इस पर फैसला किया जा सकता है।

ये है पूरा मामला

  • शिकायत और जांच : मंत्रालय को फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) और नॉर्म्स के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी व्हीकल टेस्टिंग एजेंसियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी। इन एजेंसियों ने 13 EV कंपनियों के कंपोनेंट्स की सोर्सिंग पर विस्तृत जांच की। एजेंसियों ने प्लांट ऑडिट और व्हीकल्स की स्ट्रिप डाउन टेस्टिंग भी की। ये सभी जांच कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ की गई।
  • जांच में क्या मिला? : रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने इम्पोर्टेड पार्ट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है, जो PMP दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जिन पुर्जों को भारत में तैयार किया जाना चाहिए था, उन्हें भी बाहर से इम्पोर्ट किया गया है।
  • कार्रवाई में क्या? : सोसाइटी फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने दावा किया कि करीब 15 महीनों के लिए 1400-1500 करोड़ की सब्सिडी रोक दी गई है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती ईवी कंपनियों को सब्सिडी नहीं दी जाएगी। वहीं जो सब्सिडी दी जा चुकी है वह कंपनियों से वसूली जाएगी और इन्हें डीलिस्ट किया जाएगा।

ओकाया ईवी और काइनेटिक ग्रीन एनर्जी क्लीन चिट
रिपोर्ट के मुताबिक, ओकाया ईवी और काइनेटिक ग्रीन एनर्जी ने FAME मानदंडों का कोई उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए उनकी फेम-2 सब्सिडी जारी किए रहने की संभावना है।

एथर एनर्जी, टीवीएस और ओला को भी नोटिस
इसके अलावा MOHI ने हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी, टीवीएस और ओला इलेक्ट्रिक को भी कारण बताओ नोटिस दिया था। मंत्रालय को शिकायत मिली थी कि ये कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ अलग से चार्जर बेच रही थीं और कस्टमर से FAME स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपए की सीमा से ज्यादा चार्ज कर रही थीं।नोटिस के बाद एथर और ओला ने कस्टमर को मुफ्त में चार्जर देने का फैसला किया है।

FY24 के लिए 5172 करोड़ रुपए अलॉट
2019 में 10000 करोड़ रुपए के बजट के साथ फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल योजना के सेकेंड फेज (FAME-II) की घोषणा की गई थी। इसके तहत अब तक 3701 करोड़ का इस्तेमाल किया जा चुका है। वहीं फाइनेंशियल ईयर-2024 (FY24) के लिए 5172 करोड़ रुपए अलॉट किए जा चुके हैं। इस मामले के सामने आने के बाद देखना होगा कि सरकार शेष राशि का इस्तेमाल ईवी प्रचार के लिए करती है या नहीं।

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