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एक फोन बजा और बदल गई किस्मत; 30 साल बड़े देव आनंद ने ऑफर की फिल्म..फिर स्टार बन गईं जीनत | Zeenat Aman Dev Anand First Call; Actress On Hare Rama Hare Krishna Movie Offer


9 घंटे पहले

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एक फोन बजा और बदल गई किस्मत; 30 साल बड़े देव आनंद ने ऑफर की फिल्म..फिर स्टार बन गईं जीनत | Zeenat Aman Dev Anand First Call; Actress On Hare Rama Hare Krishna Movie Offer

गुजरे जमाने की मशहूर एक्ट्रेस जीनत अमान ने देव आनंद को अपना स्टार मेकर माना है। जीनत ने कहा कि अपनी फिल्म हलचल से उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिल पाई थी। वो परिवार सहित देश छोड़ने वाली थी तभी उनके पास एक कॉल आया। ये कॉल देव आनंद साहब की तरफ से था। उन्होंने जीनत को फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा ऑफर कर दी।

इस फिल्म के बाद जीनत रातों-रात स्टार बन गईं। जीनत ने बताया कि उनके और देव आनंद के बीच 30 साल का फासला था। शायद इसी वजह से उन्होंने जीनत को हरे रामा हरे कृष्णा में अपनी बहन का रोल दिया था।

एक्टर को नाम बनाने के लिए पड़ती है स्टार मेकर की जरूरत
जीनत अमान ने कुछ वक्त पहले इंस्टाग्राम जॉइन किया था। अब वो इसके जरिए अपनी जिंदगी से जुड़ी से कुछ अनकही बातें शेयर करती हैं। उन्होंने देव आनंद को लेकर एक लंबा चौड़ा नोट शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ‘जब भी कोई एक्टर फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री लेने की सोचता है तो उसे एक स्टार मेकर की जरूरत होती है।

मेरे लिए इस भूमिका को देव आनंद साहब ने पूरा किया। 1970 का वक्त था, मेरी पहली फिल्म के मेकर ओ पी रल्हन मुझे लेकर थोड़े दुखी थी क्योंकि उन्होंने मुझे फिल्म ‘हलचल’ में एक छोटी सी भूमिका दी थी। उस वक्त देव साहब अपनी फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा के लिए कास्टिंग कर रहे थे। ओ पी रल्हन ने उन्हें मेरे नाम का सुझाव दिया।’

‘देश छोड़ने की तैयारी कर रही थी तभी फोन की घंटी बजी’
जीनत ने आगे लिखा, ‘हम लोग अपना बैग पैक करके माल्टा जाने की तैयारी कर रहे थे। मैं उस वक्त अभी टीनएज में थी। मेरी मां सब सामान पैक रही थी। एक दो दिन बाद लैंड लाइन की घंटी बजी। ये फोन देव साहब की तरफ से था। मुझे स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया गया। इसके बाद मुझे फिल्म मिल गई।

देव साहब से मुझे और मेरी मां को अपनी ट्रैवलिंग डिले करने को कहा। हम फिर माल्टा जाने के बजाय काठमांडू चले गए जहां मेरी फिल्म की शूटिंग होनी थी। पहले सीक्वेंस में मैं थोड़ी घबराई लग रही थी इसलिए जल्दी-जल्दी लाइनें बोल रही थी। आज जब मैं इसे देखती हूं तो अपने आप पर हंसी आती है।’

उस वक्त फिल्म रिलीज होने में लगता था टाइम
जीनत ने पोस्ट में आगे लिखा, ‘उन दिनों एक फिल्म को बनाने में काफी ज्यादा टाइम लगता था। कभी-कभी दो या तीन साल भी लग जाते थे। हम फिर से एक बार मुंबई छोड़ने की तैयारी कर रहे थे। देव साहब ने हमें फिर से रोक लिया। उन्होंने कहा कि मैं फिल्म की एडिटिंग जल्दी करा कर इसे रिलीज करा दूंगा। निश्चित रूप से फिल्म रिलीज हुई और रिलीज होते ही बड़ी हिट बन गई। इसके बाद मैं स्टार बन गई।’

देव साहब 30 साल बड़े थे, इसलिए रोमाटिंक लीड की नजर से नहीं देखा
जीनत के मुताबिक, ‘हरे रामा-हरे कृष्णा के हिट होने के बाद देव साहब ने मेरे लिए और भी स्क्रिप्ट लिखनी शुरू कर दी। उन्होंने मुझे 1973 की फिल्म ‘हीरा पन्ना’ ऑफर की। देव साहब और मेरी उम्र में 30 साल का फासला था।

वो मुझमें एक रोमाटिंक लीड नहीं देख पाए थे। शायद इसी वजह से उन्होंने मुझे फिल्म हीरा पन्ना में राखी( फिल्म में देव आनंद की लवर) की बहन का रोल दिया। इस फिल्म ने एक और धमाका कर दिया। इस फिल्म का साउंड ट्रैक आज भी याद किया जाता है।’

सौभाग्यशाली हूं कि देव साहब के साथ काम किया
जीनत का कहना है कि देव आनंद के साथ काम करके उन्हें उर्जा का एहसास होता था। जीनत ने कहा, ‘देव साहब के साथ करके मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझती थी। उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। हम दोनों ने एक साथ डार्लिंग और कलाबाज जैसी कुछ और फिल्मों में साथ काम किया था।’

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