15 घंटे पहले
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भारत में 2027 के बाद डीजल कारों को बैन किया जा सकता है। ऑयल मिनिस्ट्री की कमेटी ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में 2027 तक डीजल से चलने वाले 4-व्हीलर्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
देश में कार्बन एमिशन को कम करने और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता में एनर्जी ट्रांजिशन एडवाइजरी कमेटी गठित की थी। कमेटी में सरकारी तेल कंपनियों और ऑयल मिनिस्ट्री के अधिकारियों को शामिल किया गया था। जब तरुण कपूर प्रधानमंत्री के सलाहकार बनाए गए तो ONGC के पूर्व चेयरमैन सुभाष कुमार को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।
कुमार की अध्यक्षता में ही कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर सोमवार (8 मई) को ऑयल मिनिस्ट्री सौंपी। मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट की गई रिपोर्ट में कहा गया, ‘जिन शहरों में जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है, वहां इलेक्ट्रिक और गैस-फ्यूल से चलने वाले व्हीकल्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’
डीजल कार बनाने वाली कंपनियों को लगेगा झटका
इस प्रपोजल पर सरकार अपनी मुहर लगाती है तो डीजल से चलने वाले सभी 4-व्हील गाड़ियां बैन बैन हो जाएंगी। इससे डीजल कार बनाने वाली कंपनियों को झटका लगेगा। क्योंकि, 1 अप्रैल 2023 से नए रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) BS6 फेज-2 नियम लागू होने के बाद कंपनियों को डीजल कारों को डिस्कंटीन्यू करना पड़ा था।
ये कार हो सकती हैं बंद
प्रपोजल पास होने पर टाटा सफारी, हैरियर, टाटा अल्ट्रोज, टाटा नेक्सन, महिंद्रा एक्सयूवी 300, महिंद्रा बोलेरो नियो, महिंद्रा बोलेरो जैसी कई बेहतरीन कारों के डीजल वैरिएंट बंद हो जाएंगे।
अगले 10 साल में 75% सिटी बसें इलेक्ट्रिक होंगी
रिपोर्ट में शहरी क्षेत्रों में डीजल से चलने वाली सिटी बसों के रजिस्ट्रेशन को 2024 से बंद करने और 2030 के बाद इलेक्ट्रिक बसों के अलावा किसी भी बस का रजिस्ट्रेशन नहीं किए जाने की बात कही है। इससे अगले 10 साल में शहरों में चलने वाली 75% सिटी बसें इलेक्ट्रिक होंगी।
FAME सब्सिडी को बढ़ाने पर जोर दिया
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि सरकार को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स स्कीम (FAME) के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को 31 मार्च 2024 से आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।