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सायनॉसिस के कौन कौन से हैं चार प्रकार
1.पेरीफेरल सायनॉसिस जिसमें आपके हाथ पैरों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही और कम प्रवाह या किसी चोट की वजह से ये हो सकता है.
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2.सेंट्रल सायनॉसिस जिसमें आपके शरीर को कम ऑक्सीजन मिल रही है जो कि असामान्य ब्लड प्रोटीन या लो ऑक्सीजन स्टेट की वजह से होता है.
3.मिक्स्ड सायनॉसिस में पेरीफेरल और सैंट्रल सायनॉसिस का मिला जुला रूप होता है और ये दोनों एक साथ होते हैं.
4.एक्रोसायनॉसिस तब होता है जब शरीर अत्यधिक ठंडा हो जाता है और आपके हाथों और पैरों के आसपास नीले निशान पड़ने लगते हैं. ऐसे में तत्काल शरीर को गरमाहट की जरूरत होती है.
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ऐसे हालात में न करें लापरवाही
-अगर आप लंबे समय से श्वसन रोग, जैसे कि अस्थमा या सीओपीडी के मरीज हों.
-निमोनिया हुआ हो.
-गंभीर एनीमिया या रेड ब्लड सेल में कमी हुई हो.
-कुछ खास किस्म की दवाओं की अधिक सेवन हुआ हो.
-सायनायड जैसे विष के संपर्क में आया हो.
-रेनॉड्स सिंड्रोम यानी आपकी उंगलियों या पंजों को रक्तप्रवाह संकुचित हो गई हो.
-हाइपोथर्मिया या अत्यधिक ठंड के कारण शरीर का तापमान कम होता जा रहा हो.
सायनॉसिस के लक्षण दिखे तो क्या करें
तुरंत डॉक्टर के संपर्क में जाएं. वे जांच के आधार पर सायनॉसिस का इलाज करेंगे. इसके लिए हो सकता है वे इमेजिंग स्कैन, जैसे कि एक्स-रे, सीटी स्कैन, ईसीजी आदि से आपके हृदय या फेफड़े आदि की की जांच करेंगे.
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