24 मिनट पहले
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प्रियंका चोपड़ा ने मिस वर्ल्ड 2000 पेजेंट जीतने के बाद स्पाई थ्रिलर द हीरो:लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। हालांकि, सक्सेस तक पहुंचने का सफर उनके लिए बेहद मुश्किल रहा। हाल ही में एक्ट्रेस ने बताया कि किस तरह टीवी ऐड्स ने उनके मन में यह बात भर दी थी कि उनकी स्किन सुंदर नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उनके मन में ये बात भर दी थी गई ‘वो जितनी पतली होंगी, उतनी ही सुंदर होगीं।’
एक्ट्रेस का मानना है कि इन झूठ ब्यूटी स्टैंडर्ड के चलते ही उन्होंने खुद भी ऐसे ऐड्स में काम किया। हालांकि, अब वो कहती है कि इन झूठे ब्यूटी स्टैंडर्ड पर खुलकर बात की जानी चाहिए।

प्रियंका हमेशा ब्यूटी स्टैंडर्ड्स और बॉडी पॉजीटिविटी पर खुलकर बात करती आई हैं।
उम्मीद की जाती है कि आप पतले हों, आपकी पेल्विक बोन दिखे
प्रियंका ने पॉडकास्ट कॉल हर डैडी के दौरान बताया कि फिल्म और फैशन इंडस्ट्री में लोगों के लिए सारी बातें बहुत नॉर्मल होती थी। वो लोगों को स्किन का कलर और साइज में बदलाव करने के लिए कहते थे। उन्होंने कहा- ‘जब मैं पहली बार 20 साल पहले इंडस्ट्री में शामिल हुई थी, तो हमसे उम्मीद की जा थी कि आप पतले हों और आपकी पेल्विक बोन हो( खास आकर का कंधा)। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप वहां तक कैसे पहुंचे हैं।’
इंंडस्ट्री पर तंज कसते हुए प्रियंका ने कहा – ‘अपको हमेशा परफेक्ट दिखना चाहिए, वर्ना आप सुंदर नहीं हैं। फैशन और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग बताने लगते हैं कि आपके लिए कितना बॉडी वेट सही है। वो आपको याद दिलाते हैं कि आपके लिए किस तरह का ड्रेस साइज बेहतर होगा। ये सब कुछ अभी भी हो रहा है, मगर दरवाजे के पीछे।’

प्रियंका ने कई बार बताया है कि अपने स्किन टोन के चलते उन्हें ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा।
जब मैं छोटी थी, मुझे नहीं लगता था कि मेरी स्किन सुंदर है
प्रियंका ने आगे बताया कि वो एक ऐसे देश हैं, जहां गोरी स्किन को ही खूबसूरत माना जाता है। इस कारण उन्हें लगता था कि वो सुंदर नहीं है, क्योंकि उनकी स्किन काली थीं। उन्होंने कहा- ‘जब मैं छोटी थी, मुझे नहीं लगता था कि मेरी स्किन सुंदर थी, क्योंकि मेरी स्किन का कलर डार्क था। जब मैं हाई स्कूल में थी, मेरे चेहरे पर निशान थे। मैं एक टॉमबॉय थी। मेरे पैर अलग दिखते थे, मुझे उससे दिक्कत होती थी। मेरे बाल घुंघराले थे। मुझे कभी खुद को देखकर कॉन्फिडेंस नहीं था।’
मेरे मन में छोटी उम्र से ही ये सारी बातें बैठ गईं
प्रियंका ने बचपन में अपनी इन कमियों पर कभी ध्यान नहीं दिया। वो हमेशा मस्ती और दोस्तों में व्यस्त रहीं, जिससे उनका ध्यान इस बात पर नहीं है। लेकिन जब उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री ज्वाइन की, तब उन्हें हमेशा इस बात का अहसास दिलाया गया कि गोरी स्किन का मतलब है कि आप सुंदर हैं।
प्रियंका ने उस वक्त को याद करते हुए कहा- ‘मेरे मन में छोटी उम्र से ही ये सारी बातें बैठ गईं, क्योंकि टीवी ऐड में यही सब दिखाया जाता था। इसलिए, आगे चलकर मैं भी ऐसे ऐड्स का हिस्सा बनी। ये वाकई मेरे लिए बहुत नॉर्मल बात थी, क्योंकि मुझे हमेशा से बताया गया कि मैं जितनी हल्की थी, उतनी ही सुंदर भी।

प्रियंका मानती हैं कि इस बारे में सभी को बात करनी चाहिए, ताकि लोगों के मन से ऐसे स्टीरियोटाइप्स को हटाया जा सके।
झूठे ब्यूटी स्टैंडर्ड के बारे में बात की जानी चाहिए
प्रियंका ने आगे कहा- जिंदगी के इस पड़ाव पर मैं यह सोच भी नहीं सकती की बच्चों के मन पर ऐसी बातों का क्या असर पड़ता होगा। इसलिए मुझे लगता है कि इस बारे में बातचीत होनी चाहिए कि यह ब्यूटी स्टैंडर्ड कितने खतरनाक हैं। कौन तय करता है कि सुंदर क्या है? हमें लोगों के बीच इस बारे में खुलकर बात करनी होगी। ताकि हम इस तरह की धारणाओं को तोड़ सकें, जिसे हमने सालों से बांधकर रखा है। हमें महिला और पुरुष के शरीर, बढ़ती उम्र और हर वास्तविक चीज पर खुलकर बात करनी होगी।