2 दिन पहले
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मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने वैक्यूम पंप में खराबी आने के कारण बलेनो की 7,213 यूनिट्स को रिकॉल किया है। कंपनी के इस रिकॉल में 27 अक्टूबर 2016 से 1 नवंबर 2019 के बीच बनाई गई इस प्रीमियम हैचबैक का आरएस वैरिएंट शामिल है। मारुति सुजुकी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसके बारे में जानकारी दी है।
एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, इन गाड़ियों के वैक्यूम पंप में खराबी आने के कारण ब्रेक पेडल में दिक्कत आ रही है। मारुति सुजुकी के अधिकृत वर्कशॉप मॉडल्स के ऑनर्स से संपर्क करेंगे, जहां डिफेक्ट को सही किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दे दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। बता दें कि Baleno RS मॉडल को कंपनी जनवरी 2020 से बंद कर चुकी है।
क्या काम करता है वैक्यूम पंप?
कार में वैक्यूम पंप ब्रेक फंक्शन की मदद करने का काम करता है। रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया जा चुका है कि जिन गाड़ियों में वैक्यूम पंप की परेशानी आ रही है। उनमें ड्राइडर को ब्रेक लगाने के लिए ब्रेक पेडल पर ज्यादा प्रेशर देना पड़ सकता है। इससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। इस वजह से कंपनी ने बलेनो की कारों को वापस बुलाया है।
पहले भी वापस बुलाई थी कारें
- मारुति सुजुकी ने इससे पहले 24 जनवरी को ग्रैंड विटारा की 11,177 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने 8 अगस्त 2022 से 15 नवंबर 2022 के बीच बनाई गई इस SUV की रियर सीट के सीट बेल्ट माउंटिंग ब्रैकेट में टेक्निकल डिफेक्ट आने के कारण रिकॉल किया था।
- कंपनी ने 18 जनवरी 2023 को 8 दिसंबर, 2022 से 12 जनवरी, 2023 के बीच बनाई गई 17,362 गाड़ियों को रिकॉल किया था। इनमें ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, ईको, ब्रेजा ग्रैंड विटारा और बलेनो शामिल थीं। इन गाड़ियों के एयरबैग कंट्रोलर्स में खराबी आ गई थी।
- इससे पहले कंपनी ने 2 से 28 नवंबर 2022 के बीच निर्मित कुल 9,125 गाड़ियों को रिकॉल किया था। इन मॉडल्स में सियाज, ब्रेजा, अर्टिगा, XL6 और ग्रैंड विटारा शामिल थीं। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि फॉल्टी पार्ट का रिप्लेसमेंट फ्री ऑफ कॉस्ट होगा।
- पिछले साल मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने तीन मॉडलों वैगन आर, सेलेरियो और इग्निस की 9,925 यूनिट भी वापस बुलाई थीं। इसका कारण रियर ब्रेक असेंबली पिन में गड़बड़ी थी। इन व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग 3 अगस्त से 1 सितंबर 2022 के बीच की गई थी।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले
- 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
- 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
- 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
- 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
- 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।
