Homeस्वास्थ्यबुढ़ापे में डिमेंशिया के लिए मोटापा भी हो सकता है जिम्मेदार -...

बुढ़ापे में डिमेंशिया के लिए मोटापा भी हो सकता है जिम्मेदार – स्टडी


जापान की जुंटेंडो यूनिवर्सिटी (Juntendo University) की तरफ से की गई एक स्टडी में  साइंटिस्टों ने पाया कि बुढ़ापे में  होने वाली बीमारी डिमेंशिया के लिए सार्कोपेनिक मोटापा (sarcopenic obesity) भी जिम्मेदार हो सकता है. मोटापा एक लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है और दुनियाभर में लगातार बढ़ रही है. सार्कोपेनिक मोटापा वो अवस्था है, जिसका मूल्यांकन मरीज के बाडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और किसी चीज को पकड़ने की ताकत के आधार पर किया जाता है. इसके बढ़ने की वजह से याददाश्त में गिरावट का भी खतरा बढ़ जाता है.

डिमेंशिया वैसी अवस्था है, जिसमें याददाश्त और सोचने व सोशल एक्टिविटीज से जुड़ी क्षमताओं में धीर-धीरे गिरावट आने लगती है. ये बुजुर्गो की लाइफ को मुश्किल बना देती है. इस स्टडी का निष्कर्ष क्लीनिकल न्यूटिशन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

क्या कहते हैं जानकार
इस स्टडी को लीड करने वाले जुंटेंडो यूनिवर्सिटी के डॉ. योशिफुमी तामुरा (Dr. Yoshifumi Tamura) के अनुसार, ‘सार्कोपेनिक मोटापा और डिमेंशिया के बीच संबंध स्थापित होने से, बुजुर्गो में इस अवस्था को पैदा होने से रोकने में मदद मिल सकती है. उनके इलाज के उपाय भी किए जा सकते हैं.’

यह भी पढ़ें-
गंजेपन को दूर करने में नई दवा करेगी मदद, एक महीने में फिर से उगने लगेंगे बाल – स्टडी

कैसे हुई स्टडी
इस स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने जापान के 65 साल से 84 साल तक के 1,615 बुजुर्गो को शामिल किया. बंक्यो हेल्थ स्टडी (Bunkyo Health Study) नामक इस स्टडी में रिसर्चर्स ने प्रतिभागियों को सार्कोपेनिक मोटापे के आधार पर चार ग्रुप्स में बांटा था. मोटापे वाले, सरकोपेनिया वाले, सरकोपेनिक मोटापे वाले, और मोटापे के बिना या सरकोपेनिया (नियंत्रण) वाले. रिसर्चर्स विभिन्न मानसिक प्रक्रियाओं, सरकोपेनिया और मोटापे की स्थिति के बीच की कड़ी का अध्ययन किया.

यह भी पढ़ें-
मोबाइल, कंप्यूटर पर झुककर हम रीढ़ पर डालते हैं 27 किलोग्राम वजन, जानिए कैसे बचें?

स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने पाया कि 59.4% आबादी में न तो मोटापा था और न ही सरकोपेनिया, 21.2% को मोटापा था, 14.6% को सरकोपेनिया था, और 4.7% लोगों को सरकोपेनिक मोटापा था. सार्कोपेनिक मोटापे वाले प्रतिभागियों में एमसीआई (हल्का संज्ञानात्मक क्षीणता) और डिमेंशिया की सबसे बड़ी दर थी, इसके बाद सरकोपेनिया, मोटापा और अंत में कंट्रोल ग्रुप वाले लोग थे.

Tags: Health, Health News, Lifestyle, Obesity



Source link

Mr.Mario
Mr.Mario
I am a tech enthusiast, cinema lover, and news follower. and i loved to be stay updated with the latest tech trends and developments. With a passion for cyber security, I continuously seeks new knowledge and enjoys learning new things.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read