Home स्वास्थ्य मक्खन में डूबे चूर-चूर नान,छोले, दाल मखनी, रायता चाहिए, सीधे चले आइए मुल्तानी ढांढा चौक पर चावला जी के पास

मक्खन में डूबे चूर-चूर नान,छोले, दाल मखनी, रायता चाहिए, सीधे चले आइए मुल्तानी ढांढा चौक पर चावला जी के पास

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मक्खन में डूबे चूर-चूर नान,छोले, दाल मखनी, रायता चाहिए, सीधे चले आइए मुल्तानी ढांढा चौक पर चावला जी के पास

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(डॉ. रामेश्वर दयाल)
रेस्तरां में आपने तंदूरी नान, स्टफ्ड नान या बटर नान जरूर खाए होंगे. झक सफेद इन तंदूरी नान पर तंदूर की सिंकाई से पड़े गहरे लाल धब्बे भूख बढ़ा देते हैं. अमूमन रेस्तरां में इन्हें छोलों के साथ परोसा जाता है. आज हम आपको नान के ‘बाप’ चूर-चूर नान को खिलवाते हैं. मक्खन में मरोड़े गए इस भरवां और कुरकुरे चूर-चूर नान को दो प्रकार की सब्जी, रायता आदि के साथ सर्व किया जाता है तो मान लीजिए कि इसका आनंद कितना जबर्दस्त होगा. स्वाद से भरपूर ऐसा पंजाबी भोजन दिल्ली के बहुत कम इलाकों में देखने को मिलेगा. खाने वालों का कहना है कि यह भोजन पेट पर भारी नहीं पड़ता. इस डिश को और तर करने के लिए वहां ठंडाई से तरबतर लस्सी भी मौजूद है.

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अल्टीमेट है चूर-चूर नान, छोले, दाल-मखनी व रायता स्वाद को बढ़ा देते हैं

हम बात कर रहे हैं पहाड़गंज स्थित मुलतानी ढांढा चौक के नुक्कड़ पर ‘चावला दे मशहूर अमृतसरी चूर-चूर नान’ रेसतरां की. इसके बगल में ही आगे गली नंबर-2 में इनका फैमिली रेस्तरां भी खुल गया है. खाने के लिए तो वहां बहुत कुछ मौजूद है लेकिन जो मजा तंदूर से निकले चूर-चूर का है, वह अल्टीमेट है. तो पहले इस चूर-चूर नान की ही बात कर लें. मैदा की लोई में पहले पनीर्, आलू, प्याज आदि को भरा जाता है. उसके बाद हथेलियों की कारीगरी से लंबा कर इसे धधकते तंदूर में लगा दिया जाता है. जब यह पककर कुरकुरा हो जाता है तो इस पर ढेर सारा मक्खन डालकर इसे दोनों हाथ में रखकर मरोड़ दिया जाता है. यही चूर-चूर नान है. इसे प्लेट में लगाकर साथ में छोले की सब्जी, दाल मखनी, रायता, कटी प्याज और हरी चटनी के साथ सर्व किया जाता है. कुछ एक्स्ट्रा पेमेंट देकर आप शाही पनीर का भी आनंद उठा सकते हैं. जैसे ही नाक में इनकी गंध पहुंचती है तो फिर खाने के लिए हाथ रुक नहीं पाते. पंजाबी स्वाद से भरपूर दो चूर-चूर नान की कीमत 110 से 170 रुपये के बीच है.

यह दुकान पहाड़गंज इलाके में है

यह दुकान पहाड़गंज इलाके में है

पंजाबी स्वाद से भरपूर और भी बहुत कुछ है इस रेस्तरां में

चूंकि इस दुकान का खाना पंजाबियत से भरपूर है तो साथ में लस्सी जरूर मिलेगी. 50 रुपये कीमत की लस्सी पीकर चूर-चूर नान का स्वाद दोगुना कर लीजिए. वैसे तो इस दुकान पर चूर-चूर नान वाली प्लेट के अलावा पर आलू, गोभी, पनीर के सामान्य भरवां नान, लच्छा परांठा, मिस्सी रोटी, राजमा, दाल मखनी सहित दाल चावल व छोले चावल भी मिलते हैं. इनकी कीमत 80 से 100 रुपये के बीच है. इस दुकान का रायता भी खासा नाम कमा रहा है. गाढ़े दही में बना यह यह रायता 100 रुपये में उलब्ध है. हाफ की कीमत 60 रुपये है. इनका पूरा भोजन पंजाबी स्वाद से ओतप्रोत है. अगर पंजाबी खाना खाने का मन है तो मुलतानी ढांढा की ओर कूच कर सकते हैं. आपको निराश नहीं होना पड़ेगा. आखिरी में मीठी सौंफ खाकर जुबान को कुछ और देर के लिए जायकेदार रखा जा सकता है.

तीसरी पीढ़ी परोस रही है लगातार चूर-चूर नान

हमने आपको बता दिया कि यह दुकान पहाड़गंज इलाके में है. यहां खानपान की और भी दुकानें मौजूद हैं. लेकिन चावला जी की बात ही कुछ और है. करीब 35 साल पूर्व इस रेस्तरां को वजीरचंद चावला ने शुरू किया. अब यह दुकान उनके बेटे मनोहर चावला के जिम्मे है. दुकान चलाने में उनके बेटे अजय चावला भी मदद करते हैं. इनका कहना है कि जो मसाले पंजाबी खाने में प्रयुक्त होते हैं, उन सभी मसालों का का इस्तेमाल सभी डिश में किया जाता है. यह इलाका खासा भीड़भाड़ वाला है और आसपास होटल व गेस्ट हाउस भी इफरात में हैं. इसलिए दुकान पर भीड़ लगी रहती है. पैकिंग की भी उम्दा सुविधा है. दुकान पर सुबह 9 बजे काम शुरू हो जाता है जो रात 10 बजे तक चलता है.

नजदीकी मेट्रो स्टेशन: आरके आश्रम

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