19 मिनट पहले
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मनीष पॉल ने अपने पॉडकास्ट शो का पहला एपिसोड जारी कर दिया है। शो में उनकी गेस्ट भारती सिंह हैं। जहां भारती ने अपने बीते हुए दिनों को याद किया। भारती ने ‘द मनीष पॉल पॉडकास्ट’ पर अपने और मनीष के बीच दोस्ती की इमोशनल स्टोरी बताई और कई अनसुने किस्से भी शेयर किए। इस बीच भारती ने बेहद गरीबी के दिनों के बारे में भी बताया जिसमें वह पली-बढ़ी थी। उस समय उनके पास खाने को नहीं होता था। उनका परिवार अभी भी उस जीवन शैली का आदी नहीं है जिसे वे अब वहन कर सकती हैं।
ऐसी है भारती की कहानी
भारती बोलीं- मेरी मां दूसरों के घरों में खाना बनाती थी और माता रानी के दुपट्टे सिलती थी, जिसके कारण घर पर सिलाई मशीन की आवाज लगातार आती थी। मैं 21 साल से उस शोर में जी हूं। मैं वहां कभी वापस नहीं जाना चाहती। मेरे बहुत बड़े सपने नहीं हैं लेकिन मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मेरे पास जो कुछ है उसे बनाए रखें। हमने नमक रोटी खाई है लेकिन अब हमारे पास दाल, सब्जी और रोटी है। मुझे उम्मीद है कि मेरे परिवार के पास हमेशा खाने के लिए कम से कम दाल होगी। मैं कभी भी उस स्थिति का सामना नहीं करना चाहती और न ही मेरे परिवार को इससे गुजरना पड़ेगा।
गरीबी न देखना पड़े इसलिए कॉलेज में रहती थी
भारती ने बताया कि उसका भाई एक दुकान पर सामान बेचता था। वहीं उसकी बहन और मां एक कारखाने में कंबल सिलते थे। भारती ने कहा, “घर जाने का मन नहीं करता था। मैं सोचती थी कि मैं अपने दोस्तों के साथ कॉलेज में रहूंगी और हॉस्टल में खाना खाऊंगी। मुझे पता था कि एक बार वापस जाने के बाद मुझे फिर से गरीबी का सामना करना पड़ेगा। उस मंद रोशनी में रहना।
नेशनल लेवल की राइफल शूटर थीं भारती
मनीष पॉल ने शो में बताया कि भारती सिंह नेशनल लेवल की राइफल शूटर और तीरंदाज थीं। तो उन्होंने कहा, “अब जब कोई ऐसा कहता है तो मुझे भी हंसी आती है। क्या आपने एक मोटी लड़की को राइफल उठाते और टारगेट सेट करते हुए देखा है? एथलीट ट्रैकसूट में पतले और ट्रिम होते हैं। हां, लेकिन यह सच है। मैं राइफल शूटर हुआ करती थी। यहां तक कि 12 साल पहले राष्ट्रीय स्तर पर कॉम्पिटिशन में हिस्सा भी लिया था। मैंने पुणे में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया है। मैं स्पोर्ट्स कोटे के तहत कॉलेज में आई थी।”