Home Technology News प्रौद्योगिकी Daimler India Commercial Vehicle opens virtual reality center in Chennai, Damage Parts will know; There will be ease in maintenance from technician | डेमलर इंडिया कमर्शियल गाड़ियों का चेन्नई में खोला वर्चुअल रियलिटी सेंटर, डैमेज पार्ट्स का चलेगा पता; टेक्नीशियन से मेंटेनेंस में होगी आसानी

Daimler India Commercial Vehicle opens virtual reality center in Chennai, Damage Parts will know; There will be ease in maintenance from technician | डेमलर इंडिया कमर्शियल गाड़ियों का चेन्नई में खोला वर्चुअल रियलिटी सेंटर, डैमेज पार्ट्स का चलेगा पता; टेक्नीशियन से मेंटेनेंस में होगी आसानी

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नई दिल्ली6 दिन पहले

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कई बार गाड़ी में टेक्निकल खराबी होने से उनके किस पार्ट में खराबी है पता ही नहीं चल पाता है। क्योंकि इन गाड़ी के कई स्पेयर पार्ट को विदेशों से मंगाया जाता है। अब इसे वर्चुअल रियलिटी सिस्टम के जरिए आसानी से पता लगाया जा सकता है। डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स (DICV) ने इसके वर्चुअल रियलिटी सेंटर (VRC) खोला है। इसमें ऑपरेटर 3D गॉगल्स और नेविगेशन जॉयस्टिक से डिजिटल मॉडल की सहायता से वस्तु की उपयोगिता और उपलब्धता को वर्चुअली पता लगा सकते हैं।

इससे व्हीकल की सही लोकेशन पर कम समय में रिपेयरिंग हो सकती है। इससे कस्टम टूल, प्रोटोटाइप व्हीकल के सर्विसिंग के लिए बनाए गए सर्विस बे की जरूरत कम होगी। रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D),व्हीकल्स की सर्विसिंग करने में सहायता मिलेगी।

Bharat Benz टेक्निकल फील्ड में लीडर

इस नई सेवा को लेकर DICV के MD सत्यकाम आर्य का कहना है, कि DICV ने पहले ही भारत के लिए बने ब्रांड Bharat Benz को टेक्निकल फील्ड में लीडर स्थापित कर चुका है। इस वर्चुअल रियलिटी सेंटर से हम इनोवेशन को आगे बढ़ा कर और मुश्किल को कम करके अपनी स्थिति मजबूत करते हैं।

उन्होंने कहा कि इसमें कमर्शियल सर्विस और R&D को बड़ा करने, स्पीड बढ़ाने और अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता है। हम अपने ग्राहकों को किफायती, हाई क्वालिटी हाई टेक्नोलॉजी युक्त उत्पादों और सेवाओं का लाभ देने के लिए उत्साहित हैं। यह भारत की कमर्शियल व्हीकल्स इंडस्ट्री सेक्टर में बेंचमार्क इनोवेशन को बढ़ावा देता है।

कम रिसोर्स से ज्यादा काम होगा

बाजार में जाने से पहले, प्रत्येक नए मॉडल को इस आधार पर परीक्षण करना चाहिए कि उसमें सर्विस और मेंटेनेंस करना कितना सरल है। स्टैंडर्ड प्रोसेस वाहन का एक प्रोटोटाइप वर्जन बनाकर विकसित करना है और फिर टेस्ट करना है कि सर्विस टेक्नीशियन उसके डैमेज पार्ट्स का पता लगा कर उसको कैसे रिपेयर कर सकते हैं। इस प्रोसेस में व्हीकल के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए फिट होने तक दोहराया जाता है।

VRC के जरिए प्रोटोटाइप बनाने से लेकर वर्चुअल मॉडलिंग और टेस्टिंग के जरिए इसे बदल सकते हैं। आर्य का कहना है कि इससे डेवलपमेंट प्रोसेस को स्पीड मिलेगी और हमारे पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए ज्यादा रिसोर्स की जरूरत नहीं पड़ेगी।

डेमलर ट्रक के सर्विस सेंटर से कम्युनिकेशन में आसानी

वर्चुअल रियलिटी से दूसरा प्रॉफिट है कि फिजिकल मॉडल और वर्कस्पेस के बिना, रिमोट क्षेत्रीय स्थानों में भी मदद मिल जाती है। DICV दुनिया भर के डेमलर ट्रक सहयोगियों के साथ डिजिटल मॉडल साझा करने में सक्षम है।

टीम एक दूसरे से दूर होने पर भी रियल टाइम में अपने ओपिनियन और सलाह को एक ही मॉडल से एक्सचेंज कर सकते हैं। VRC में इंडस्ट्री का सबसे अच्छा 3D बारकोड प्रोजेक्टर, पावर वॉल, एडवांस रियल टाइम ट्रैकिंग कैमरे, 3डी हेड मूवमेंट ट्रैकर गॉगल्स और वर्चुअल रियलिटी सॉफ्टवेयर हैं जो नेविगेशनल जॉयस्टिक के माध्यम से व्हीकल डिजाइन करने में हेल्प करता है।

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