नई दिल्ली3 घंटे पहले
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विदेश से आने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ते हो सकते हैं। केंद्र सरकार नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है। इसमें अगले 5 साल के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर लगने वाले इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार टेस्ला जैसी कंपनियों को देश में मैन्युफैक्चिरिंग के लिए लुभाने की कोशिश कर रही है। टेस्ला के एक प्रस्ताव पर सरकार उन मैन्यूफैक्चरर के व्हीकल के लिए इंपोर्ट चार्ज कम करने सकती है, जो देश में कम से कम 40% व्हीकल देश में मैन्यूफैक्चरिंग करने की कमिटमेंट करते हैं।
अगले हफ्ते मस्क से मिलेंगे केंद्रीय मंत्री गोयल
हाल ही में खबर आई थी कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क से मिल सकते हैं। इस मीटिंग में इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी ‘टेस्ला’ की भारत में एंट्री को लेकर चर्चा हो सकती है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि मस्क और गोयल के बीच अमेरिका में होने वाली मीटिंग का फोकस टेस्ला की भारत में फैक्ट्री लगाने की योजना होने वाली है।
इसके साथ ही भारत में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने को लेकर भी चर्चा हो सकती है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि मीटिंग में भारत में बन रही नई पॉलिसी पर भी चर्चा हो सकती है।

जनवरी 2024 तक मंजूरी दे सकती है सरकार
सरकार टेस्ला को भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए जनवरी 2024 तक सभी जरूरी अप्रूवल दे सकती है। इसके लिए गवर्नमेंट डिपार्टमेंट तेजी के साथ काम कर रहा है।
यह जानकारी प्रधानमंत्री ऑफिस में हुई एक हाई लेवल मीटिंग के बाद सामने आई थी। इसमें टेस्ला के निवेश प्रस्ताव सहित देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के नेक्स्ट फेज को लेकर चर्चा की गई।
भारत में कार मैन्युफैक्चरिंग और बैटरी स्टोरेज फैक्ट्री लगाना चाहते हैं मस्क
एलन मस्क की EV मैन्युफैक्चरिंग कंपनी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कार के साथ बैटरी स्टोरेज सिस्टम बनाना और बेचना चाहती है। कंपनी ने इसके लिए भारतीय अधिकारियों के पास एक प्रपोजल दिया है। इसमें आयात शुल्क को कम से कम 15% की कटौती की मांग रखी है।
वर्तमान में 40,000 डॉलर (लगभग 32.5 लाख रुपए) से कम कीमत वाली कारों के लिए 70% और इससे अधिक कीमत वाली कारों के लिए 100% कस्टम ड्यूटी लगाता है।
17 मई को केंद्र सरकार के साथ हुई थी मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला के अधिकारियों की 17 मई को भारत सरकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की इच्छा जताई थी।
अधिकारियों ने टेस्ला टीम से कहा था कि सरकार डोमेस्टिक वेंडर बेस स्टेब्लिश करने के लिए समय देने को तैयार है, लेकिन टेस्ला को इसके लिए एक कंफर्म टाइम स्लॉट बताना होगा।
इसी साल जून में प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे मस्क
इसी साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में टेस्ला के CEO एलन मस्क ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद मस्क ने कहा- भारत में दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अधिक संभावनाएं हैं। मैं भारत के भविष्य को लेकर उत्साहित हूं। मैं मोदी का फैन हूं। यह एक शानदार मुलाकात थी और मैं उन्हें काफी पसंद करता हूं।
पीएम मोदी ने भी इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा- ‘आज आपसे शानदार मुलाकात हुई एलन मस्क। हमने ऊर्जा से लेकर आध्यात्मिकता तक के इश्यूज पर बातचीत की।’

पिछले साल टेस्ला और सरकार के बीच नहीं बनी थी बात
- पिछले साल टेस्ला ने भारत आने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब कंपनी और सरकार के बीच बात नहीं बन पाई थी। टेस्ला ने सरकार से पूरी तरह से असेंबल गाड़ियों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को 100% से घटाकर 40% करने की मांग की थी।
- कंपनी चाहती थी कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए, लेकिन सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ या कम करने का कोई भी इरादा नहीं है।
- सरकार ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का कमिटमेंट करती है तो इंपोर्ट पर छूट देने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, मस्क चाहते थे कि पहले भारत में कारों की बिक्री की जाए, इसके बाद प्लांट लगाने का विचार किया जाएगा।
- 27 मई 2022 को भी एक ट्वीट में रिप्लाई करते हुए एलन मस्क ने कहा था, ‘टेस्ला ऐसे किसी लोकेशन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले से कारों को बेचने और सर्विस की परमिशन नहीं है।’
