नई दिल्ली3 घंटे पहले
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गूगल फॉर इंडिया इवेंट में डिवाइसेज हेड रिक ओस्टरलोह केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को गूगल पिक्सल फोन गिफ्ट करते हुए।
गूगल पिक्सल फोन अब भारत में भी बनेंगे। इसकी शुरुआत पिक्सल 8 से होगी। ये डिवाइस 2024 से बाजार में आएंगे। गुरुवार को गूगल फॉर इंडिया इवेंट में डिवाइसेज हेड रिक ओस्टरलोह ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेटअप के लिए कंपनी भारत में पार्टनरशिप करेगी।
ओस्टरलोह ने कहा, ‘पिक्सल डिवाइसेज की लोकल डिमांड को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन का विस्तार करने की दिशा में यह प्रारंभिक कदम है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मेक इन इंडिया के लिए गूगल के कमिटमेंट में एक बड़ा कदम है।’

गूगल फॉर इंडिया इवेंट में पिक्सल फोन की भारत में मैन्युफैक्चरिंग की घोषणा की गई।
भारत में एपल पहले से ही बना रहा आईफोन
एपल भारत में पहले से ही आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। अब गूगल भी ऐसा करने जा रहा है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल हब बनना चाहता है। उसने साल 2025-26 तक 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट के प्रोडक्शन का प्लान बनाया है।
4 अक्टूबर को लॉन्च हुआ था पिक्सल 8
गूगल ने 4 अक्टूबर 2023 को पिक्सल 8 और पिक्सल 8 प्रो फोन लॉन्च किए थे। इनकी शुरुआती कीमत 75,999 और 1,06,999 रुपए है। गूगल अपने फोन्स पर 7 साल यानी 2030 तक सपोर्ट देगा। इसमें OS अपडेट, सिक्योरिटी अपडेट, फीचर ड्रॉप और AI इनोवेशन मिलेंगे।
पिक्सल फोन्स में 50MP कैमरा
पिक्सल 8 में रियर कैमरा: 50MP + 12MP दिया गया है। फ्रंट कैमरा : 10.5MP का है। वहीं पिक्सल 8 प्रो में रियर कैमरा: 50MP + 48MP + 48MP और फ्रंट कैमरा: 10.5MP दिया गया है। Pixel 8 में वही प्राइमरी सेंसर है जो Pixel 8 Pro में मिलता है।
गूगल पूरे कैमरा एक्सपीरियंस में फास्टर ऑटोफोकस का दावा करता है, खासकर लो-लाइट कंडीशन में। कैमरा सॉफ्टवेयर फीचर में मैजिक इरेजर, फोटो अनब्लर, नाइट साइट, टॉप शॉट और बहुत कुछ शामिल हैं। दोनों फोन में टेंसर G3 प्रोसेसर मिलता है।


एपल, सैमसंग से काफी पीछे है गूगल
एनालिस्ट फर्म आईडीसी के 2022 के एक डेटा के अनुसार, 2016 में पहला पिक्सल फोन रिलीज होने के बाद से गूगल ने कुल 2.76 करोड़ फोन ही बेचे। जबकि केवल 2021 में सैमसंग ने 27.2 करोड़ फोन बेचे। एपल ने इस दौरान 23.5 करोड़ फोन सेल किए।
5 पॉइंट जिस कारण पिक्सल ज्यादा सक्सेसफुल नहीं
- सीमित उपलब्धता: पिक्सल फोन सभी देशों में उपलब्ध नहीं हैं। सर्विस सेंटर की भी परेशानी।
- फोन ऊंची कीमत: पिक्सल फोन आम तौर पर अन्य एंड्रॉयड फोन की तुलना में ज्यादा महंगे।
- मार्केटिंग की कमी: अन्य मैन्युफैक्चरर्स की तरह मार्केटिंग पर उतना पैसा खर्च नहीं करना।
- आइडेंटिटी क्राइसिस: गूगल के फोन की आईफोन और सैमसंग की तरह मजबूत पहचान नहीं।
- सॉफ्टवेयर इंटेनसिव अप्रोच: गूगल अपने फोन में एंड्रॉयड का प्योर वर्जन इस्तेमाल करता है।
हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, पिक्सल फोन के लॉयल फैन्स की एक बड़ी संख्या है जो प्योर एंड्रॉयड एक्सपीरियंस देने के लिए कंपनी की सराहना करते हैं। गूगल अब ज्यादा देशों में अपने पिक्सल फोन की उपलब्धता बढ़ा रहा है। इसके अलावा AI से लेकर कैमरे में बड़े बदलाव कर रहा है। इसलिए यह संभव है कि आने वाले सालों में पिक्सल फोन की बिक्री बढ़ जाए।