Homeस्वास्थ्यHealth news new researchers claims cause of alzheimer was identified lak

Health news new researchers claims cause of alzheimer was identified lak


Cause of Alzheimer identified: दुनिया में अल्जाइमर की बीमारी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. अल्जाइमर में भूलने की गंभीर बीमारी हो जाती है. बुजुर्गों में यह सबसे ज्यादा होती है. वैज्ञानिक अब तक समझ नहीं पा रहे हैं कि इस बीमारी का कारण क्या है. अलग-अलग अध्यनों में अलग-अलग बातें कही जाती हैं. ऑनमनोरमा वेबसाइट के मुताबिक अब इस विषय पर ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है. शोधकर्ताओं ने ब्रेन में खून पहुंचने के एक ऐसे रास्ते का पता लगाया है, जिसमें अल्जाइमर के लिए जिम्मेदार टॉक्सिन प्रोटीन की लीकेज हो जाता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यही अल्जाइमर का कारण है. शोधकर्ताओं का दावा है कि इस रिसर्च से अल्जाइमर की रोकथाम और उसके उपचार का रास्ता निकल सकता है.
इसे भी पढ़ेंः अच्छी नींद के लिए इन 5 चीजों को अपनी डाइट में करें शामिल, तुरंत दिखेगा असर

डाइट या दवा से टॉक्सिन प्रोटीन को रोका जा सकता है
पर्थ में कर्टिन यूनिवर्सिटी (Curtin University) के शोधकर्ताओं ने यह अध्यन किया है. चूहों पर किए गए प्रयोग में पाया गया कि अल्जाइमर रोग का संभावित कारण टॉक्सिक प्रोटीन का लीकेज था जो ब्रेन में जाने वाले खून से निकला था. दरअसल, खून के साथ फैट के कुछ कण ब्रेन में पहुंचते हैं. इसी के साथ टॉक्सिन प्रोटीन भी ब्रेन में चला जाता है. यह अध्यन पीएलओएस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है. शोधकर्ताओं ने कहा है कि इसके लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है. शोधकर्ताओं ने कहा, हमारी रिसर्च में यह पाया गया है कि खून में जो टॉक्सिन प्रोटीन जमा होता है, उसे व्यक्ति की डाइट और उसे दवाई देकर रोका जा सकता है. दवाई के माध्यम से लाइपोप्रोटीन एमिलॉयड को खासतौर पर टारगेट किया जा सकता है. इससे या तो अल्जाइमर की प्रक्रिया रूक जाएगी या इस प्रक्रिया को बहुत धीमा किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ेंः प्रिजर्वेटिव्स से लैस रैपर फलों को खराब होने से बचाएगा, शेल्फ लाइफ बढ़ाने में भी है यूजफुल: रिसर्च

ब्रेन में जमा होता है टॉक्सिन प्रोटीन
कर्टिन हेल्थ इनोवेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Curtin Health Innovation Research Institute -CHIRI) के निदेशक प्रोफेसर जॉन मामो ने कहा, हम पहले से यह जानते थे कि अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में टॉक्सिन प्रोटीन जमा होने लगता है. इसे बीटा-एमिलॉयड (beta-amyloid) कहते हैं. हालांकि शोधकर्ताओं को यह नहीं पता था कि टॉक्सिन प्रोटीन बनता कहां है और क्यों यह ब्रेन में जमा होने लगता है. जॉन मामो ने कहा कि हमारी रिसर्च से यह साबित हुआ है कि खून में फैट के जो कण पाए जाते हैं, उसी में टॉक्सिन प्रोटीन बनने लगता और ब्रेन में इसका रिसाव होने लगता है. इसे लाइपोप्रोटीन भी कह सकते हैं. उन्होंने कहा है कि यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हम ब्रेन में जाने वाले इस लाइपोप्रोटीन के रिसाव को रोक सकते हैं. इसके लिए नए तरह के इलाज की जरूरत पड़ेगी.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



Source link

Mr.Mario
Mr.Mario
I am a tech enthusiast, cinema lover, and news follower. and i loved to be stay updated with the latest tech trends and developments. With a passion for cyber security, I continuously seeks new knowledge and enjoys learning new things.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read