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Indians Getting 12 fake messages daily, getting victim of fraud | जॉब ऑफर और झूठे बैंक अलर्ट सबसे ज्यादा, 60% लोग फेक और ओरिजिनल में नहीं कर पाते अंतर


नई दिल्लीएक घंटा पहले

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भारतीय लोगों को ईमेल, व्हाट्सऐप, मोबाइल के इनबॉक्स या सोशल मीडिया पर रोजाना एवरेज 12 फेक मैसेज मिल रहे हैं। इससे भारतीयों का हर हफ्ते औसत 2 घंटे का समय बर्बाद हो जाता है।

लोगों को मिलने वाले इन फ्रॉड मैसेज में सबसे कॉमन 64% फेक जॉब ऑफर या अलर्ट और 52% बैंकों के झूठे मैसेज होते हैं। रिसर्च में शामिल 60% लोगों का मानना है कि वो सही और फेक मैसेज में अंतर नहीं कर पाते हैं।

84% मैसेज सोशल मीडिया के जरिए
इनमें से 90% लोगों को ईमेल के जरिए फेक मैसेज प्राप्त होते हैं। जबकि ये मैसेज 84% सोशल मीडिया के जरिए मिलते हैं। इनमें से 82% लोग ऐसे हैं जो कभी न कभी इन फेक मैसेज के शिकार हुए हैं। यह खुलासा मैक-ए-फी की रिसर्च में हुआ है। यह रिसर्च दुनिया के 7 देशों के 7000 युवाओं पर की गई थी।

AI से तैयार हो रहे फेक मैसेज
मैक-ए-फी सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रोमा मजूमदार के मुताबिक, फेक मैसेज AI से भी तैयार हो रहे हैं। ज्यादातर भारतीय इन मैसेज से परेशान हैं और फ्रॉड होने के डर में रहते हैं।

इन फेक मैसेज के टाइप, स्पेलिंग या स्टाइल में ओरिजनल के मुकाबले कोई अंतर नहीं होता। ये इतने सटीक होते हैं कि इसके फेक होने का शक भी नहीं होता। यानी फेक मैसेज इतने बेहतर हुए हैं कि अब इन्हें देखकर इनके फेक होने का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

इन फेक मैसेज से बचने के लिए आप ये उपाय कर सकते है…
1. किसी भी लींक पर क्लीक करने से पहले कई बार सोंचे
2. अगर कोई मैसेज सही लगता है, तो यह जरूरी नहीं की वो सही हो
3. स्कैम प्रोटेक्शन ऐप या फोन में स्कैम ब्लॉक कर सकते हैं।

इसको लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी भी जारी की है…

वैरिफिकेशन: फोन या सिम के डिस्कनेक्शन से जुड़े कॉलर को कोई भी पर्सनल जानकारी नहीं दें। जानकारी देने से पहले सर्विस प्रोवाइडर से बात करें
इनफॉर्म्ड रहें: टेलिकॉम डिपार्टमेंट डिस्कनेक्शन वार्निंग फोन कॉल के जरिए नहीं देता है। इसलिए इस तरह के किसी भी कॉल को फ्रॉड समझें
रिपोर्ट करें: किसी भी सस्पिशियस कॉल को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रिपोर्ट करें

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Mr.Mario
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