एक घंटा पहले
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कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली संस्था ग्लोबल NCAP ने मंगलवार को चार कारों की क्रैश टेस्ट रिपोर्ट जारी की हैं। इनमें देश में बिक्री के मामले में हर महीने टॉप 10 में रहने वाली मारुति सुजुकी की ऑल्टो K10 को पांच में से दो और वैगनआर को सिर्फ एक स्टार ही मिला है। फॉक्सवैगन की वर्टस और स्कोडा की स्लाविया को 5 स्टार रेटिंग मिली हैं।
वैगनआर ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 5 में से एक स्टार और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में जीरो स्कोर किया है। ऑल्टो K10 ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 2 और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए जीरो स्कोर हासिल किया है।

ग्लोबल NCAP में वैगनार और ऑल्टो K10 का क्रैश टेस्ट किया गया।
पहले जानिए एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग क्या है
- एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) रेटिंग में ये देखा जाता है कि जब कार सामने की तरफ से टकराती है तब आगे की सीट पर बैठने वाले पैंसेजर और ड्राइवर कितने सुरक्षित रहे।
- चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) रेटिंग से ये देखा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर पीछे की सीट पर बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे।
वैगनआर की बॉडी अनस्टेबल मिली
वैगनआर की बॉडी शैल इंटीग्रिटी अनस्टेबल पाई गई है। सेफ्टी फीचर की बात करें तो इस कार के जिस वैरिएंट का क्रैश टेस्ट किया गया, उसमें ABS, डुअल एयरबैग, EBD, सीट बेल्ट प्रीटेंशनर विथ लोर्ड लिमिटर और सीट बेल्ट रिमाइंडर ड्राइवर एंड को ड्राइवर जैसे फीचर्स दिए गए थे। वैगनआर को मारुति ने दिसंबर 1999 में लॉन्च किया गया था। वित्त वर्ष (FY) 2022-23 में देश में वैगनआर की 195,035 बेची गईं।

ऑल्टो K10 वैगनआर से ज्यादा सेफ
क्रैश टेस्ट में ऑल्टो K10 की बॉडी शैल इंटीग्रिटी स्टेबल पाई गई है। यानी सेफ्टी के मामले में यह कार वैगनआर से ज्यादा सेफ है। इस कार के जिस वैरिएंट का क्रैश टेस्ट किया गया, उसमें वैगनआर के समान ही ABS, डुअल एयरबैग, EBD, सीट बेल्ट प्रीटेंशनर विथ लोर्ड लिमिटर और सीट बेल्ट रिमाइंडर ड्राइवर एंड को ड्राइवर जैसे फीचर्स दिए गए थे। ऑल्टो को 27 सितंबर, 2000 को भारत में पहली बार लॉन्च किया था। अपने मौजूदा अवतार में ऑल्टो में कई बदलाव किए गए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में ऑल्टो की कुल 170,559 यूनिट बेची गईं थी।

मारुति की विटारा ब्रेजा सबसे सेफ कार
बता दें कि ग्लोबल NCAP ने पिछले 9 साल में मारुति सुजुकी इंडिया के 14 मॉडलों का टेस्ट कर चुकी है। इनमें सिर्फ विटारा ब्रेजा SUV ने सबसे ज्यादा 4 स्टार रेटिंग हासिल की थी, जिसे कंपनी अब डिस्कंटीन्यू कर चुकी है। इसके बाद 3-स्टार रेटिंग के साथ अर्टिगा दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा मारुति की जितनी भी गाड़ियों का क्रैश टेस्ट किया गया, उनमें सबसे सभी गाड़ियों ने मैक्सिमम 2 स्टार ही हासिल कर पाई हैं।
ग्लोबल NCAP का क्रैश टेस्ट को नहीं मानती मारुति
मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव कार की सेफ्टी को लेकर कह चुके हैं कि NCAP के जरिए कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। ये इंडियन कंडीशन्स के हिसाब से नहीं है, इसलिए मारुति इसे सही नहीं मानती। भारत का रेटिंग सिस्टम ही सही तरह से कार को रेट कर पाएगा।
फॉक्सवैगन वर्टस और स्कोडा स्लाविया एक ही बॉडी टाइप पर बनी
NCAP क्रैश टेस्ट में भारत-स्पेक स्कोडा स्लाविया और फॉक्सवैगन वर्टस ने चाइल्ड और एडल्ट ऑक्यूपेंट में 5-स्टार रेटिंग हासिल की है। ये दोनों ही कार एक ही प्लेटफॉर्म और एक ही बॉडी टाइप पर बनी हैं, इसलिए फॉक्सवैगन वर्टस का क्रैश टेस्ट किया गया। इसके रिजल्ट दोनों ही कार पर एप्लिकेबल हैं।
क्रैश टेस्ट में कार के फ्रंटल इम्पैक्ट में ड्राइवर और को-पैसेंजर के सिर के साथ-साथ गर्दन को दी जाने वाली सुरक्षा अच्छी पाई गई। दोनों के चेस्ट एरिया और घुटनों पर भी पर्याप्त सुरक्षा मिली। वर्टस और स्लाविया के बॉडी शेल को स्टेबल पाया गया है। वहीं साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सिर, छाती और पेट की सुरक्षा पर्याप्त थी, जबकि पेट पर भी अच्छी सुरक्षा दिखाई है।

अब जानते हैं NCAP सेफ्टी रेटिंग कैसे दी जाती है?
- कार की सेफ्टी रेटिंग: NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। सभी कंपनियां अपनी कार के हर मॉडल और वैरिएंट पर अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स देती हैं। इनमें एयरबैग्स, ABS, EBD, सेफ्टी बेल्ट, बैक सेंसर, कैमरा, स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं। जब कार का क्रैश टेस्ट होता है तब इन्हीं सेफ्टी फीचर्स के आधार पर उसे रेटिंग दी जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग मिलने की प्रोसेस: सेफ्टी रेटिंग के लिए कार का क्रैश टेस्ट किया जाता है। इसके लिए इंसान जैसी डमी का इस्तेमाल किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग के मायने: क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं। डमी कितनी डैमेज हुई। कार के दूसरे सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है। इस रेटिंग से ग्राहकों को सुरक्षित कार खरीदने में मदद मिलती है। हालांकि, NCAP किसी भी कार के सभी वैरिएंट का क्रैश टेस्ट नहीं करता है।