3 घंटे पहले
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SIAM के एनुअल कन्वेक्शन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डीजल गाड़ियों पर 10% अतिरिक्त कर की बात कही थी।
सरकार के पास डीजल गाड़ियों पर 10% एक्स्ट्रा टैक्स लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। सेंट्रल रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने X पोस्ट में इसकी जानकारी दी।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 63वें एनुअल कन्वेक्शन में कहा था कि डीजल से चलने वाली गाड़ियों और जनरेटरों का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल जारी रहता है, तो हर डीजल इंजन पर ‘पॉल्युशन टैक्स’ के रूप में एडिशनल 10% एडिशनल टैक्स बढ़ाने के लिए मैं वित्त मंत्री से बात करूंगा। इसके बाद मीडिया में डीजल गाड़ी पर 10% GST लगाने की खबरें चलने लगीं थी।
बयान पर नितिन गडकरी की सफाई
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘मीडिया रिपोर्ट्स में डीजल गाड़ियों पर अतिरिक्त 10% GST लगाने की बात कही जा रही है, इस पर साफ कर देना चाहते हैं कि सरकार के सामने फिलहाल ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि 2070 तक कार्बन नेट जीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के मुताबिक, सक्रिय रूप से स्वच्छ और ग्रीन ऑप्शनल फ्यूल को अपनाना जरूरी है। ये फ्यूल इंपोर्ट के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए।

ऑटो इंडस्ट्री से ग्रीन फ्यूल की ओर बढ़ने की अपील
उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी में परिवर्तन लाने का यही एकमात्र तरीका है, नहीं तो लोग सुनने के ‘मूड’ में नहीं लगते हैं। गडकरी ने ऑटो इंडस्ट्री से डीजल वाहनों का प्रोडक्शन कम करने की बात कही।
उन्होंने इंडस्ट्री से पेट्रोल और डीजल से ग्रीन फ्यूल की ओर बढ़ने की अपील की। ऐसा न करने पर उन्होंने कहा कि सरकार को ‘अतिरिक्त कर’ जोड़ना होगा।

SIAM के 63वें एनुअल कन्वेक्शन में संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी।
4% तक गिरे ऑटो कंपनियों के शेयर
केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद भारतीय ऑटो मेकर कंपनी टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अशोक लीलैंड के शेयर 2.5% से 4% के बीच गिर गए हैं।
डीजल गाड़ियों की सेल्स पर पड़ेगा असर
डीजल गाड़ियों पर 10% एडिशनल इनडायरेक्ट टैक्स लगाया जाता है तो कार मेकर कंपनियों को गाड़ियों की कीमत बढ़ाना पड़ेगा। इससे उनकी सेल्स पर भी असर पड़ेगा। देश के अंदर लगभग सभी कमर्शियल व्हीकल डीजल इंजन से ही चलते हैं।
