नई दिल्ली14 मिनट पहले
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फोन कॉल के जरिए हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डीलरों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा बल्क (थोक) सिम कनेक्शन देने को भी बंद करने का फैसला किया है। टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाले डीलरों पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘मई 2023 के बाद सरकार ने फ्रॉड करने वाले 52 लाख सिम कनेक्शन को डिएक्टिवेट किया है। इसके अलावा 67,000 सिम कार्ड डीलर्स को ब्लैकलिस्ट किया है। वहीं 300 सिम कार्ड डीलर्स के ऊपर FIR भी की गई है।’
बिजनेस कनेक्शन के लिए भी वेरिफिकेशन जरूरी
उन्होंने बताया, अगर आप बिजनेस के लिए एक से ज्यादा सिम कनेक्शन लेते हैं। जिसे आपको अपने कर्मचारियों में बांटना है, तो हर उस व्यक्ति का अलग-अलग KYC कराना जरूरी होगा, जिसे सिम दिया जाना है। उदाहरण के लिए अगर आपने बिजनेस पर्पस से 1000 सिम कार्ड लिए हैं, जिसे आपको अपने कर्मचारियों को देन है, तो आपको हर कर्मचारी का KYC कराने के बाद ही सिम देना होगा।
वेरिफिकेशन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा
मंत्री ने कहा कि देश में 10 लाख से ज्यादा सिम कार्ड डीलर हैं, नए नियम के तहत पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सभी को पर्याप्त समय दिया जाएगा।
SIM बॉक्स के जरिए धोखाधड़ी
अश्विनी वैष्णव ने बताया- सिम बॉक्स नाम की एक डिवाइस के जरिए एक बार में कई ऑटोमेटेड कॉल किए जा सकते है। फ्रॉड करने वाले इसी मशीन का यूज कर एक बार में कई फोन कॉल करते हैं, फिर सिम को डिएक्टिव कर देते हैं और नया बैच इश्यू करा लेते हैं।

सिम बॉक्स इंटरनेशनल कॉल को इंटरनेट के जरिए सेल्युलर डिवाइस पर डायवर्ट कर देता है। इसके बाद लोकल नंबरों पर पहचान छुपा कर कॉल किया जाता है।
पंजाब पुलिस ने मई में 1.8 लाख सिम डिएक्टिवेट किए थे
इस साल मई में पंजाब पुलिस ने फर्जी पहचान पत्र पर लिए गए 1.8 लाख सिम डिएक्टिव किए थे। वहीं गलत तरीके से सिम कार्ड इश्यू करने वाले 17 डीलर्स को भी गिरफ्तार किया था।