Homeस्वास्थ्यWhat is Gochar? What is the meaning of Retrograde transit of planets?...

What is Gochar? What is the meaning of Retrograde transit of planets? Know when Vakri and Margi transits happen क्या है गोचर? क्या होता है ग्रहों की उल्टी चाल मतलब?


Gochar- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV
Gochar

ग्रहों का हमारे जीवन में काफी महत्व होता है। ग्रहों की चाल के हिसाब से हमारे सारे काम बनते और बिगड़ते हैं। बुध ग्रह 16 जुलाई से कर्क राशि में गोचर करेगा। जिसके बाद 17 जुलाई को सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। शनि ग्रह 12 जुलाई को मकर राशि में गोचर करेंगे। शुक्र 13 जुलाई को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेगा। गुरु ग्रह मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोचर क्या है? ग्रहों की उल्टी चाल का क्या मतलब होता है? वक्री और मार्गी गोचर कब होता है? इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं ज्योतिषी पंडित मनोज कुमार मिश्रा से।

सबसे पहले आपको मार्गी और वक्री का अर्थ समझना होगा। हमारे सौर मण्डल के सारे ग्रह एक दूसरे से लाखों किलोमीटर दूर हैं और सभी सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं, सबके अपने-अपने परिक्रमा पथ हैं। सबकी तरह पृथ्वी का भी अपना परिक्रमा पथ है और वह भी सूर्य का चक्कर लगाती रहती है। कभी-कभी पृथ्वी किसी धीमे चल रहे ग्रह के बगल से तेजी से गुजरती है। जिसके चलते धीमे चल रहा ग्रह पीछे छूटता जाता है जैसे वह उल्टी दिशा में जा रहा हो।

आप सब ने अनुभव किया होगा कि अगर एक धीमे चल रही रेल गाड़ी के बगल से दूसरी रेल तेजी से गुजरे तो धीमी वाली रेल पीछे जाती हुई लगती है। जबकि वास्तव में वो उसी दिशा में जा रही होती है जिधर दूसरी जा रही होती है, लेकिन आभास होता है कि वो पीछे जा रही है। ठीक वही बात ग्रहों और पृथ्वी के बीच घटित होती है। इसी को वक्री या मार्गी कहते हैं । जब उल्टा चलता हो तो वक्री और जब सीधा चले तो मार्गी। 

बता दें – सूर्य और चंद्रमा हमेशा मार्गी रहते है तथा राहु और केतु हमेशा वक्री रहते है और बाकि पांच ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष अपनी गति के कारण कभी मार्गी तो कभी वक्री होते रहते है । वहीं बुध, बुद्धि और वाणी के देवता हैं। जन्मपत्रिका में बुध का सीधा प्रभाव बिजनेस पर और दिमागी रुप से मेहनत वाले कामों पर पड़ता है, जबकि शरीर में इसका प्रभाव मुख्य रुप से गले और कन्धों पर रहता है ।

जुलाई में आने वाले गोचर 

  • बुध का राशि परिवर्तन – बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं। बुध ग्रह का राशि परिवर्तन 2 जुलाई से शुरू हो चुका है। अब वह वृष राशि से मिथुन में प्रवेश करेगा। जिसके बाद बुध ग्रह 16 जुलाई से कर्क राशि में गोचर करेगा।
  • सूर्य का राशि परिवर्तन – सूर्य का राशि परिवर्तन 16 जुलाई को होगा। प्रकाशमान करने वाले ग्रहों के राजा सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस दिन व्रत भी रखा जाएगा। 
  • शनि वक्री – शनि देव12 जुलाई को मकर राशि में गोचर करेंगे। फिलहाल ये कुंभ राशि में हैं। मकर राशि में ये उल्टी चाल से चलेंगे।
  • शुक्र का राशि परिवर्तन – सुख और वैभव का प्रतिक माने जाने वाले ग्रह शुक्र 13 जुलाई को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेगें। 
  • बृहस्पति  वक्री – देवों के गुरु बृहस्पति 28 जुलाई को मीन राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। गुरु की उल्टी चाल प्रारंभ होगी।

 

(डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। )

ये भी पढ़िए

Vastu Shastra: सूखे फूलों से घर में आती है नकारात्मक शक्ति, शव में होती हैं इनकी गिनती !

Vinayak Chaturthi July 2022: विनायक चतुर्थी पर करें ये अचूक उपाय, गणेश जी पूरी करेंगे हर मनोकामना

Nariyal Ke Upay: आर्थिक तंगी को लेकर हैं परेशान?  नारियल का ये उपाय दूर कर देगा आपकी पैसों की किल्लत

Vastu Shastra: कॉन्फिडेंस की कमी के कारण नहीं ले पाते हैं सही फैसला, आज ही घर ले आएं लाफिंग बुद्धा

Vastu Tips: पर्स में न रखें इन चीज़ों को वरना होगा आर्थिक नुकसान, छा जाएगी कंगाली

Vastu Tips: ये चार आदतें बना सकती हैं आपको कंगाल, रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी





Source link

Mr.Mario
Mr.Mario
I am a tech enthusiast, cinema lover, and news follower. and i loved to be stay updated with the latest tech trends and developments. With a passion for cyber security, I continuously seeks new knowledge and enjoys learning new things.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read