Home स्वास्थ्य कहीं आप भी तो क्रोनिक स्ट्रेस के शिकार नहीं? इस तरह पहचानें लक्षण

कहीं आप भी तो क्रोनिक स्ट्रेस के शिकार नहीं? इस तरह पहचानें लक्षण

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कहीं आप भी तो क्रोनिक स्ट्रेस के शिकार नहीं? इस तरह पहचानें लक्षण

हाइलाइट्स

सामान्य चिंता समय के साथ बढ़कर क्रोनिक स्ट्रेस बन सकती है.
स्ट्रेस के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
स्ट्रेस से बचने के लिए समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर अच्छे डॉक्टर से सलाह लें.

Symptoms of Chronic stress : आजकल लाइफ और दिनभर की भागदौड़ के कारण हर किसी को कोई ना कोई स्ट्रेस रहता ही है. बड़ों से लेकर छोटे बच्चों तक सभी को अपने-अपने स्तर पर अपने रोजमर्रा के कामों को लेकर चिंता होती है, जो बिल्कुल सामान्य है. छोटे समय का स्ट्रेस काफी हद तक फायदेमंद भी हो सकता है, क्योंकि इससे आपको काम सही तरह और सही समय पर करने में मदद मिलती है. लेकिन अगर यही स्ट्रेस बढ़कर लंबे समय तक बना रहता है और आप इसे मैनेज नही कर पाते हैं तो ये स्थिति आपकी हेल्थ को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकती है. स्ट्रेस या डिप्रेशन अक्सर तब ज्यादा बढ़ जाता है जब हम अपने मन की बात किसी से कह नही पाते हैं, इसीलिए हम आज आपके के लेकर आएं हैं, क्रोनिक स्ट्रेस और इसके लक्षणों के बारे में कुछ जरूरी बातें, आइए जानते हैं.

क्या है क्रोनिक स्ट्रेस :
वैरी वैल हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार हमारी बॉडी में एक स्ट्रेस हैंडलिंग सिस्टम होता है, जिससे रोजमर्रा या किसी अन्य चीज को लेकर होने वाली चिंता या तनाव होने पर माइंड उससे डील करने की कोशिश करता है और जल्दी उभर जाता है लेकिन कई बार जब स्ट्रेस बढ़कर लंबे समय तक मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है उसे क्रोनिक स्ट्रेस कहते हैं, जो कई गंभीर स्थितियों को भी पैदा कर सकता है.

क्रोनिक स्ट्रेस के सामान्य लक्षण :
नींद ना आना –
स्ट्रेस के कारण नींद की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और वहीं दूसरी तरफ नींद पूरी ना होने की वजह से स्ट्रेस और ज्यादा बढ़ने के साथ डायबिटीज, हार्ट संबंधित बीमारियां का खतरा बढ़ता है और मेंटल हेल्थ खराब होती है.

थकान –
स्ट्रेस के कारण हर समय थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है. बेवजह थकावट महसूस होना डिप्रेशन और एंग्जाइटी की ओर भी एक संकेत है.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियां –
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम कई हजार करोड़ न्यूरॉन्स होती हैं जो माइंड के साथ कम्युनिकेट करती हैं, स्ट्रेस उन्हें ट्रिगर कर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों का कारण बनता है. ऐसे में ब्लोटिंग, पैन, भूख ना लगना और उल्टियां हो सकती हैं.

स्ट्रेस ईटिंग –
स्ट्रेस के दौरान एड्रेनालाईन रिलीज होता है जो भूख ना लगने का कारण बनता है. वहीं दूसरी तरफ स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल भूख को असामान्य तरीके से बढ़ा सकता है, जिससे मोटापे की समस्या भी बढ़ सकती है.

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Tags: Lifestyle, Mental health

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