Home स्वास्थ्य टीनएजर्स को इस वजह से होती है बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या, इन लक्षणों से करें पहचान

टीनएजर्स को इस वजह से होती है बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या, इन लक्षणों से करें पहचान

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टीनएजर्स को इस वजह से होती है बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या, इन लक्षणों से करें पहचान

हाइलाइट्स

जेनेटिक कारणों की वजह से यह डिसऑर्डर हो सकता है.
इस डिसऑर्डर की वजह से तेजी से मूड स्विंग हो जाते हैं.

Treatment For Bipolar Disorder In Teens: किशोरावस्था में कदम रखने के बाद बच्चे की लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे उनका व्यवहार भी प्रभावित हो सकता है. अगर यह समस्या बार-बार और अधिक हो रही है तो हो सकता है कि वह बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हो. बाइपोलर डिसऑर्डर में आपका मूड स्विंग होता रहता है. इसमें डिप्रेशन भी महसूस होता है. एक पल मूड काफी अच्छा रहता है तो दूसरे ही पल  किशोर का मूड खराब भी हो सकता है. हो सकता है ऐसी स्थिति में किशोर को हर चीज में से इंटरेस्ट गायब हो जाए. कई बार तो वो काफी इरिटेट हो सकते हैं. इससे उनकी नींद, उनका व्यवहार और एनर्जी आदि में बदलाव देखने को मिल सकते हैं. बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण और उपचार के बारे में जान लेते हैं.

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बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण
हेल्थलाइन के अनुसार इस समय एक बार टीनएज को खुशी की लहर तो अगले ही समय दुख का मौसम छाया हुआ महसूस हो सकता है. दूसरी स्टेज में आपको खुशी कम और दुख ही केवल महसूस होता रहेगा. ऐसे में ड्रग्स और शराब की ओर जाने का मन कर सकता है. कई बार बच्चे को अस्पताल तक में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि ऐसा कम ही केसेस में होता है. जब बाकी इलाज फेल हो जायें और बच्चे को किसी भी दवाइयों से फर्क महसूस नहीं हो तब हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत आती है. 

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बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण
जब बच्चे के दिमाग में फिजिकल बदलाव देखने को मिलता है तो बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं.कई बार जेनेटिक्स के कारण भी ऐसा हो सकता है.


बाइपोलर डिसऑर्डर के उपचार
शुरुआत में किशोर बच्चे को डॉक्टर दवाइयां दे सकते हैं.जिससे उनका मूड थोड़ा स्थिर रह सके और वह ज्यादा उदासी महसूस न कर पाएं.कई बार इस डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए लंबे समय के उपचार की भी ज़रूरत पड़ जाती है. इसलिए लगातार उपचार जारी रखना चाहिए.डॉक्टर डे ट्रीटमेंट प्रोग्राम भी सुझा सकते हैं.

Tags: Health, Lifestyle

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