Home स्वास्थ्य देर तक बैठकर काम करने से ब्रेन पर पड़ता है बुरा असर, ऑफिस और घर में ऐसे करें बचाव

देर तक बैठकर काम करने से ब्रेन पर पड़ता है बुरा असर, ऑफिस और घर में ऐसे करें बचाव

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देर तक बैठकर काम करने से ब्रेन पर पड़ता है बुरा असर, ऑफिस और घर में ऐसे करें बचाव

How Sitting Harms Your Brain: हेल्दी लाइफ के लिए हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देता होता है. हम जो भी कुछ अपनी डेली रूटीन लाइफ में करते हैं उसका हमारे ब्रेन की हेल्थ पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. हमारे खानपान जितना ब्रेन को प्रभावित करता है उतना ही हमारे उठने, बैठने और चलने के तरीकों से भी ब्रेन प्रभावित होता है. अपने घर पर और ऑफिस में जिस तरह से बैठते हैं उससे ब्रेन की हेल्थ पर बहुत असर पड़ता है.

एक डेस्क पर लंबे समय तक बैठना, सोशल मीडिया सर्फिंग करना हमारे शरीर के और मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. कोरोना महामारी के बाद से गतिहीन एक्टीविटी को काफी बढ़ावा मिला है और इससे पूरे शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है. वेरीवेल माइंड के अनुासर कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके माध्यम से आप अधिक समय तक बैठन वाली समस्याओं को कम कर सकते हैं. चलने फिरने वाले काम हमारे मस्तिष्क पर असर डालते हैं. गतिहीन व्यवहार से हमारी स्मृति पर भी असर पड़ता है.

हानिकारक क्यों बैठना है?
हमारी गतिहीन जीवन शैली एक वैश्विक महामारी बन गई है. जब हम अपना अधिकांश समय बैठने या लेटने में बिताते हैं, तो हमारे पैर की मांसपेशियां काम नहीं कर रही होती हैं. बैठने और लेटने के दौरान हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमी रफ्तार से होता है. ज्यादा देर बैठने से हमारे रक्त में फैटी एसिड बढ़ने लगता है. नतीजतन, चयापचय धीमा हो जाता है और इससे खून में ग्लूकोज भी प्रभावित होने लगता है. यह मधुमेह और हृदय रोग के लिए अधिक जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है.

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बैठने से बचने के लिएक्या हैं उपाय
व्यायाम करें: व्यायाम हमारे समग्र विकास के लिए जरूरी होता है. व्यायाम जितना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है उतना ही यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के लिए हमें बैठने की अपेक्षा खड़े होने वाले काम करने चाहिए. अधिक खड़े रहने से आपको एक स्वस्थ, रोग-मुक्त जीवन जीने में मदद मिल सकती है. यह टाइप 2 मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों को भी रोकने में मदद कर सकता है.

गतिहीन व्यवहार को कम करना मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करने का एक तरीका साबित हो सकता है, विशेष रूप से अल्जाइमर रोग और मनोभ्रंश के जोखिम वाले लोगों के लिए.

हर 30 मिनट में मूव करें: स्वीडन के स्टॉकहोम में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी-एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि किसी कार्यालय के कर्मचारी अपने काम के दौरान हर 30 मिनट में मूवमेंट करते हैं तो इससे उनके मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है. अगर आप कई घंटे से बैठे हैं तो जरूरी है कि माइक्रो ब्रेक लें और 15-20 कदम चलें.

देर तक बैठने से बचने के लिए अपनाएं ये कदम

  • ऑफिस पहुंचने पर अपनी गाड़ी को दूर पार्क करें.
  • टीवी देखते समय ब्रेक आने पर आप भी चहलकदमी करें.
  • ऑफिस या फिर दूसरी जगहों पर लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें.
  • घंटो तक बैठे हैं तो खड़े हो जाएं और जंपिंग करें.
  • लंच के दौरान बैठने को इग्नोर करें.
  • फिटनेस ट्रैकर का इस्तेमाल करें.

Tags: Lifestyle, Mental health

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