Home खाना फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ स्किन को चमकदार रखता है टिंडा, बेहद फायदेमंद है ये भारतीय सब्जी

फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ स्किन को चमकदार रखता है टिंडा, बेहद फायदेमंद है ये भारतीय सब्जी

0
फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ स्किन को चमकदार रखता है टिंडा, बेहद फायदेमंद है ये भारतीय सब्जी

हाइलाइट्स

टिंडे में मौजूूद पोषक तत्वों की वजह से इसे सुपर फूड भी कहा जाता है.
टिंडे में मौजूद विटामिन ई त्वचा का सूखापन रोकने में मदद करता है.

वायु प्रदूषण के इस दौर में श्वसन प्रणाली और फेफड़ों को दुरुस्त रखना है तो टिंडा लाभकारी हो सकता है. इसमें पाए जाने वाले तत्व स्किन को भी चमकदार बनाते हैं. वजन को भी कंट्रोल करने में कारगर भूमिका निभाती है यह सब्जी. टिंडे का मूल स्थान भारत माना गया है. टिंडे को सुपर फूड भी कहा जाता है. गोल-गोल टिंडा देखने में खूबसूरत, चमकदार और रोएंदार होता है. फसलों का आधुनिकीकरण होने से अब टिंडा भी बारहों-मास उपलब्ध है, वरना कुछ साल पहले तक इसे गर्मी की सब्जी माना जाता था.

सालभर मिलता है टिंडा

गुणकारी होने के बावजूद यह बात समझ से परे है कि समाज में टिंडा शब्द का इस्तेमाल निगेटिव रूप से किया जाता है. कोई व्यक्ति उल-जुलूल हरकत या वेबकूफी कर रहा है तो आप किसी के मुंह से यह कहते पाएंगे कि ‘ओए टिंडे, सुधर जा.’ कोई बंदा चेहरा अजीब बना रहा है तो आप यह भी सुन सकते हैं कि ‘टिंडे की तरह मुंह मत बना.’ बड़ी बात यह भी है कि टिंडे की सब्जी को कई लोग पसंद भी नहीं करते हैं लेकिन जो पसंद करते हैं तो मतलब, पसंद करते हैं. मांसाहारी लोगों को टिंडा-मटन की डिश खूब भाती है. उनका मानना है कि मटन की गर्मी को कम करने के लिए माकूल है टिंडा.

भारत की सब्जी है टिंडा

टिंडे (Round Gourd) के इतिहास की बात करें तो इसका मूल भारत ही माना जाता है. इसलिए इंग्लिश में इसे Indian Squash और Indian Baby Pumpkin भी कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि भारत के साथ ही इसकी उत्पत्ति श्रीलंका, चीन, इंडोनेशिया जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भी रही है. इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि भारत में इसकी उत्पत्ति का समयकाल कौन सा है.

ईसा पूर्व सातवीं-आठवीं शताब्दी में लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में इसका वर्णन नहीं है, लेकिन इसकी प्रजाति की सब्जियों, खरबूजा, घीया आदि का वर्णन वहां मिलता है. लेकिन ऐसी जानकारी मिली है कि बाद के लिखे आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका (टिण्डिश) वर्णन है और इसे शरीर के लिए शीतल माना गया है.

इसे भी पढ़ें: पेट, हृदय के लिए फायदेमंद अनारदाना भोजन का बढ़ाए स्वाद

फेफड़ों के लिए है बेहद लाभकारी

गुणों के मामले में टिंडे का कोई सानी नहीं है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक व ‘Vegetables’ पुस्तक के लेखक डॉ. बिश्वजीत चौधरी के अनुसार टिंडा उत्तर भारत की नामी सब्जी है और इसे अकेले या अन्य सब्जियों व दाल के साथ भी पकाया जा सकता है. यह शरीर के लिए बेहद पौष्टिक है. अगर पोषक तत्वों की बात करें तो 100 ग्राम टिंडे में करीब 93 ग्राम नमी, कैलोरी 21, प्रोटीन 1.4 ग्राम, फेट 0.2 ग्राम, मिनरल्स 0.5 ग्राम, फाइबर 1 ग्राम के अलावा विटामिन ए, सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर व शरीर के लिए लाभकारी अन्य तत्व भी पाए जाते हैं.

tinda

टिंडे का बीज याददाश्त को बेहतर बनाने में सहायता करता है.

टिंडे में एक आंतरिक एक्सपेक्टोरेंट (कफनाशक) गुण होता है. जिसके चलते यह यह किसी भी अतिरिक्त कफ या बलगम स्राव को आसानी से ढीला कर देता है और उन्हें श्वसन पथ से हटा देता है. यह फेफड़ों के कार्य को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है और किसी भी एलर्जी और सांस लेने में कठिनाई को भी रोकता है.

इसे भी पढ़ें: आहार के अलावा मदिरा में भी जौ का होता रहा है उपयोग, सेहत के लिए फायदेमंद इस अनाज का है रोचक इतिहास

इस वजह से कहलाता है सुपर फूड

योगाचार्य व आहार विशेषज्ञ आचार्य श्री बालकृष्ण टिंडे को सुपरफूड मानते हैं. उनका कहना है कि इसमें एन्टी-ऑक्सिडेंट, फाइबर, कैराटिनॉयड (प्रतिरक्ष गुण), विटामिन सी, आयरन या पोटाशियम होता है, जो टिंडे को सूपरफूड बनाने में मदद करता है. टिंडे का बीज बुद्धि को तेज करने यानी याददाश्त को बेहतर बनाने में सहायता करता है और कमजोरी दूर करने में भी मदद करता है. आहार विशेषज्ञ व होमशेफ सिम्मी बब्बर के अनुसार भारतीय किचन में टिंडे की मौजूदगी प्रभावी है. लोगों का विश्वास है कि इसका सेवन पेट के लिए लाभकारी है. लेकिन यह शरीर में अन्य लाभ भी पहुंचाता है. टिंडे में प्राकृतिक नमी होती है और फाइबर भी, इसलिए यह कब्ज, सूजन और पेट में ऐंठन को रोकने में मदद करता है.

tinda

टिंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा न के बराबर है इसलिए यह दिल के लिए फायदेमंद है.

ज्यादा खा लिया तो हो सकते हैं ये नुकसान

इसमें विटामिन ई सहज रूप से पाया जाता है, जिस कारण यह स्किन में सूखापन रोकता है और उसे नमीयुक्त बनाता है. यह एलर्जी, फंगल संक्रमण को भी रोकता है. इसमें कैलोरी, फेट व प्रोटीन कम होता है, इसलिए इसके सेवन से वजन भी कंट्रोल किया जा सकता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी न के बराबर है, इसलिए यह दिल और उससे जुड़ी कोशिकाओं के लाभकारी है. माना यह भी जाता है कि टिंडे के सेवन से किडनी के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. इसमें पाए जाने वाले खनिज व विटामिन्स बालों को पोषण प्रदान करते हैं. बालों की रूसी को भी रोकता है इसका सेवन. टिंडे का एक ही अवगुण है कि अगर इसे ज्यादा मात्रा में खा लिया तो पेट में मरोड़ और लूज मोशन की शिकायत हो सकती है.

Tags: Food, Lifestyle

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here