Home Entertainment सिनेमा बोलीं- पेरेंट्स के बगैर लाइफ इमेजिन करना है मुश्किल | Ekta got emotional tears at the trailer launch of Goodbye, said – it is difficult to imagine life without parents

बोलीं- पेरेंट्स के बगैर लाइफ इमेजिन करना है मुश्किल | Ekta got emotional tears at the trailer launch of Goodbye, said – it is difficult to imagine life without parents

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बोलीं- पेरेंट्स के बगैर लाइफ इमेजिन करना है मुश्किल | Ekta got emotional tears at the trailer launch of Goodbye, said – it is difficult to imagine life without parents

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16 मिनट पहले

एकता कपूर वैसे तो बड़ी बोल्ड और वेब प्रोड्युसर मानी जाती हैं। असल जिंदगी में भी वो कम ही मौकों पर नम आंखों में नजर आईं हैं। मगर अपनी अगली फिल्म ‘गुडबाय’ के ट्रेलर लॉन्च पर उनका इमोशनल आस्पेक्ट देखने को मिला। दरअसल फिल्म का प्लॉट औलादों और उनके परिजनों के आपसी आरग्युमेंट्स का है, जो जेनरेशन गैप की वजह से आता है। इसी के इर्द गिर्द जब एकता कपूर, रश्मिका मंदाना और नीना गुप्ता से उनके पेरेंट्स से रियल लाइफ में हुई आरग्युमेंट्स के बारे में पूछा गया तो एकता कपूर इमोशनल हो गईं।

एकता कपूर की आंखों से निकले आंसू-
सवाल का जवाब देते वक्त एकता की आंखों में आंसू आ गए। नम आंखों से उन्होंने कहा, ‘हमने न सिर्फ आरग्युमेंट, बल्कि अपने पेरेंट्स को तो कई बार काफी कुछ बोला भी है। गुस्सा भी किया है। लेकिन कई बार हम डर जाते हैं। हम यकीन नहीं कर पाते कि लाइफ में कभी उनके बगैर भी रहना होगा। शायद यह हमारी ऐज है, जब हम अपने पेरेट्स के बारे में चिंता करने लग जाते हैं। कभी कभी लगता है कि हमें क्यों अपनों की चिंता करनी पड़ रही है। वो क्यों नहीं ताउम्र स्वस्थ रहें। मुझे जब एहसास होता है कि हमें पेरेंट्स की चिंता करनी पड़ रही है तो वो चीज मुझे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती। मैं हेट करती हूं उस पहलू से। ’

रश्मिका ने कहा मैं बहुत पहले मैच्योर हो चुकी थी

रश्मिका ने कहा, ‘मेरा अपने पेरेंट्स के साथ आरग्युमेंट का मौका नहीं आया, क्योंकि मैं कम ऐज से ही हॉस्टल में रही। हालांकि आप वैसों से ही झगड़ते हो, जिन्हें आप अपना मानते हो। जो आप के साथ सदा साथ रह रहें हैं। मेरे मामले में यह हुआ कि मुझे जब अपने पेरेंट्स के साथ रहने का मौका मिला तो उस वक्त तक मैं ऑलरेडी मैच्योर हो चुकी थी। समझने लग गई थी कि वो क्या और क्यों कह रहें हैं? तभी हमारी फिल्म स्पेशल है इस मायने में कि यह सब तो हर घर में होता है। हर किसी के मां, बाप, भाई, बहन होते हैं। लिहाजा यह फिल्म अपने सब्जेक्ट के लिहाज से लोगों के दिलों के कोर को टच करने वाली है। इसका ट्रेलर देख लोगों के चेहरे पर टियरिंग स्माइल आने वाली है।’

नीना गुप्ता ने याद किया अपना बचपना-
नीना गुप्ता ने कहा, ‘मैंने अपने बचपन में अपनी मां से बहुत मार खाई है। लिहाजा मैं अपनी बेटी मसाबा से कहती रहती हूं कि मैं तुम्हारी वो मम्मी नहीं हूं, जो मेरी मम्मी हुआ करती थीं। थोड़ी आधुनिक हूं। खैर, मुझे मार पड़ती थी कि मैं बालों में तेल नहीं लगाती थी। उस वक्त दरअसल फैशन जो चल पड़ा था। और यह बात मुझे इस वक्त याद आई है, (जब यह सवाल आया है) । तो जेनरेशन गैप तो होता है। एक बात मैं मसाबा से कह भी रही थी कि आप चाहे कितने भी सफल हो जाओ, अगर पारिवारिक सुख नहीं है तो सफलताएं बेमानी हैं। मेरी जिंदगी में भी मसाबा जब नहीं थीं तो तब आउटडोर शूट अच्छे लगते थे, मगर मसाबा आने के बाद वो शूट खटकते थे। ’

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