Home स्वास्थ्य मधुमेह आ हमनी के खानपान पर शोध, भारत कइसे बनल शुगर मरीज के राजधानी?– News18 Hindi

मधुमेह आ हमनी के खानपान पर शोध, भारत कइसे बनल शुगर मरीज के राजधानी?– News18 Hindi

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मधुमेह आ हमनी के खानपान पर शोध, भारत कइसे बनल शुगर मरीज के राजधानी?– News18 Hindi

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बहुत कमे उमिर में लइकन के सुगर के बेमारी पहिलहूं होत रहल ह बाकिर अब युवा रोगिन के संख्या बढ़ि गइल बा. डाक्टर कहता लोग कि कोरोना भइला पर जेकरा के एस्टराएड दियाइल बा ओकरो में से कुछ मरीज नया मधुमेह के रोगी हो गइल बा. नया माने जेकरा पहिले सुगर ना रहल ह, बाकिर कोरोना का बाद हो गइल बा. सुगर के लेके ढेर आदमी अंउजाइल रहेला. त आजु ओकरा के क्लीयर करे के समय आ गइल बा. आईं एकरा के तनी विस्तार से जानल जाउ. विश्व मधुमेह संघ कहता कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा सुगर के मरीज भारत में बाड़न स. त लोग मुहावरा बनवले बा कि पूरा विश्व में भारत, मधुमेह रोगियन के राजधानी बनि गइल बा.

ई त सभे जानता कि दू तरह के सुगर के बेमारी होला- टाइप-1 आ टाइप- 2. त टाइप-1 में हमनीं के पैंक्रियाज भा अग्नाशय पर्याप्त इंसुलीन ना बनावेला. अग्नाशय इंसुलीन आ ग्लूकागान हॉर्मोन के निर्माण करेला आ एंजाइम बनावेला. एंजाइम आंत में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आ फैट के पचावे में सहायक होला. नतीजा ई होला कि शरीर में शुगर के स्तर कम रहेला. हमनी के शरीर के कोशिका आपन काम खातिर ग्लूकोज के उपयोग करेली सन. टाइप-2 के बेमारी में हमनी के शरीर में अइसन कोशिका बन जाली सन जौन अग्नाशय के पैंक्रियाज रिलीज कइला पर ओकर प्रतिरोध करेली सन. अग्नाशय से इंसुलीन रिलीज होई बाकिर ऊ बेमतलब हो जाई. नतीजतन शरीर में ग्लूकोज बढ़त चल जाई. त ई भइल टाइप-1 आ टाइप-2 सुगर के बेमारी. इंसुलिन एक प्रकार के हार्मोन ह जौना के निर्माण अग्नाशय में होला. हमनी के अमाशय कार्बोहाइड्रेट्स के रक्त शर्करा में बदल देला. इंसुलिन के माध्यम से ई रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाला. जदि पैनक्रियाज इंसुलिन बनावल बंद क देउ त ब्‍लड ग्‍लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित ना होई.

• त पहिले ब्लड सुगर नापे के पैमाना के समुझि लिहल जाउ. बिना कुछ खइले- पियले होत सबेरे जौन खून के टेस्ट होला ओकरा के फास्टिंग सुगर कहल जाला. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन भा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वेबसाइट कहता कि फास्टिंग सुगर 70 से लेके 100 mg/dl रहे के चाहीं. आ पीपी माने खाना खइला का बाद सुगर लेबेल- 140 mg/dl से कम रहे के चाहीं. अच्छा ई एमजी का ह? mg ह मिलीग्राम आ dl ह डेसी लीटर. एक ग्राम में एक हजार मिलीग्राम होला आ एक लीटर के 1/10 वां भाग डेसी लीटर (dl) कहाला. त अब आगा से रउरा लगे जब राउर ब्लड सुगर के रिपोर्ट आई आ ओमें एमजी भा डीएल लिखल रही त रउरा समुझ में आ जाई. खइला का बाद जौन सुगर नापाला ओकरा के पीपी कहल जाला. पीपी माने पोस्टप्रेंडियल माने खाना खइला के दू घंटा का बाद ब्लड सुगर के चेक कइल. इहो नियम बा कि रात का खाना आ सुबह के टेस्ट करावे के बीच कम से कम आठ घंटा के गैप रहेके चाहीं. अच्छा फास्टिंग सुगर के लेवेल कोलकाता में 70 से 100 मानल जाला आ बंगलूरू में कई गो पैथालाजिकल सेंटर पर ई लेवेल 70 से 110 बा. ई अंतर काहें? एकरा पर हम कुछ डाक्टर लोगन से बातचीत कइनीं हं कि आखिर असली फास्टिंग सुगर कतना के बीच रहे के चाहीं? अधिकतर डाक्टर जबाब दिहुए लोग कि फास्टिंग सुगर लेवेल 70 से 110 के बीच रहल नार्मल बा.

• एही से डाक्टर लोग कहता कि सुगर के रोगी मीठा से दूर रहो, जमीन के अंदर पैदा होखे वाला सब्जी से दूर रहो, फाइबर वाला नाश्ता करो आ रोज एक कोस टहलो. जे टहलत नइखे ऊ घरहीं वर्क आउट करो. वर्क आउट माने ट्रेड मिल पर दउरो भा कसरत वाला साइकिल चलाओ. शोध कहता कि खाना में कार्बोहाइड्रेट आ ग्लूकोज के मात्रा कम रहे के चाहीं. माने लो सुगर आ हाई फाइबर वाला नाश्ता रहे के चाहीं. ज्यादातर रोगियन के दलिया खाए के कहल जाला काहें से कि ओकनी खातिर ई सुपर फूड ह. जेकरा बेकरी वाला ब्रेड खाए के आदत बा ऊ ब्राउन ब्रेड खाउ. एइजा तनी ठहरीं. ब्राउन ब्रेड का बारे में बड़ा शिकाइत आवता. कहाता कि सफेदका ब्रेड के रंग दियाता. माल ऊहे बा, खाली रंग दिहला से ओकर नांव ब्राउन ब्रेड हो जाता. ए बात के कुल ब्रेड कंपनियां बिरोध करतारी सन आ प्रमाण देतारी सन कि ब्राउन ब्रेड सफेदका ब्रेड से एकदम अलग बा. बाकिर ब्राउन ब्रेड पर ढेर लोग अभियो संकाइल रहता. हमनी का देश में सुगर का रोगी के एवोकेडो नांव वाला फल खाए के कहल जाला. ई फल बहुते मंहंगा बा. सबका बस में एकरा कीनल नइखे. एवोकेडो असल में मेक्सिको के फल ह. ओइजा ई सस्ता भाव में बिकाला. ओइजा लोग रोजे एकर चटनी बनाके, सलाद बनाके नाश्ता में खाला. ई बात हम एसे जानतानी कि हमरा घर के एगो आदमी मेक्सिको रहेला. ऊहे ईकुल बतवले बा. ओइजा ई सस्ता बिकाला. बाकिर हमनी का देश में बहुते महंगा बा. भले ई बहुत फायदामंद होखे तबो महंगा होखला के कारन एकरा के छोड़ दीं. सुगर वाला रोगियन के अमरूद, जामुन आ खीरा सबसे बढ़िया फल मानल जाला. खीरा फलो ह आ तरकारियो ह. कई शहरन में अमरूद बारहो मास मिलेला. कोलकाता में भी ई फल बारहो मास मिलेला.

• मधुमेह के रोगी लोगन के जौन सावधानी बरते के कहल बा ओमें पहिला बा कि नाश्ता का घरी चाय भा कॉफी के सेवन एकदम नइखे करेके. बाजार में बिकाए वाला पैक कइल फ्रूट जूस से सात कोस दूर रहेके बा. प्रासेस्ड फूड एकदम नइखे खाएके. प्रासेस्ड फूड का ह? पासेस्ड फूड ह बेकरी वाला ब्रेड, बिस्कुट, पैस्ट्री, पैटीज, केक वगैरह. कुछ लोग केला के बिना ना रहि सकेला. त आयुर्वेद के डाक्टर लोग कहले बा कि केला में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट रहेला. एसे जदि केहूके केला बिना छटपटाहट बा आ ऊ मधुमेह के रोगी बा त ओकरा केरा के आधा टुकड़ा खाए के चाहीं. एकरा से बेसी ना. ओही तरे एह रोग से ग्रस्त लोगन के रोज एगो चाहे आधा सेब खाए के राय दिहल बा. सेब में एंटी आक्सीडेंट तत्व पर्याप्त मात्रा में रहेला. सेब बैड कोलेस्टेराल माने खराबका कोलेस्टेराल के कम करेला. नाशपाती में भी बहुते फाइबर रहेला. जौना से मधुमेह के रोगी के दूर भागे के चाहीं ऊ ह- अंगूर, चेरी, अन्नानास, केला, सूखा मेवा आ मीठ फलन के रस. आयुर्वेद के डाक्टर लोग कहले बा कि सबेरे उठिके एक गिलास पानी में आधा चम्मच मेथी पाउडर डालिके पिए के चाहीं. एकरा अलावा रात में जौ के रात में पानी में भिंगाकर रख दीं आ सबेरे एह पानी के छानि के पीहीं. एकरा एक घंटा का बाद बिना चीनी के चाय आ बिना मीठा वाला एगो बिस्कुट ले सकेनी. हालांकि ऊपर लिखा चुकल बा कि बिस्कुट प्रासेस्ड फूड ह, बाकिर तबो ढेर आदमी के जीवन बिस्कुट के बिना सूना लागेला. त ओकरा खातिर एगो बिस्कुल खाए के कहल बा. एकरा अलावा एक कटोरी अंकुरित अनाज आ बिना मलाई वाला दूध. मान लीं कि पराठा खाए के मन क दिहलस त बिना तेल/ घीव वाला एगो परांठा आ एक कटोरी दही खा सकेनी. मधुमेह के रोगियन के आयुर्वेद में मट्ठा पीए के सलाह दीहल बा.

दुपहरिया के भोजन से पहिले एगो अमरुद, सेब, संतरा भा पपीता खाए के सलाह दीहल बा. अब रउरा मन में सवाल उठत होई कि खाना के मात्रा का रहे के चाहीं. त जब डाक्टर लोगन से बात कइनीं हं त ओह लोगन के कहनाम बा कि खाना में दू गो रोटी, एगो एकदम छोटकी कटोरी में भात, एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी, तनी दही आ भरपूर सलाद खाए के चाहीं. रात के खाना में जदि संभव होखे त खाली सलाद आ सूप के सेवन करे के चाहीं. प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री एगो इंटरव्यू में बतवले बाड़ी कि रात खान ऊ खाली सलाद आ सूप के सेवन करेली. अनाज ना खाली. एसे उनकर एनर्जी लेवेल बहुते बढ़िया रहेला. आयुर्वेद के डाक्टर लोग सलाह देले बा कि रात खान सूते के पहिले एक गिलास गरम दूध में थोरकी भर हल्दी डाल के पी लेबे के चाहीं. बाकिर जदि रउरा सलाद आ सूप लेतानी त दूध से दूरे रहीं. ई कुल कइला से मरीज के सुगर लेवेल कंट्रोल में रही. डाक्टर लोग कहता कि हर छव महीना पर एक हाली आपन सुगर जरूर चेक करा लेबे के चाहीं. (विनय बिहारी सिंह वरिष्ठ स्तंभकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)

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