Home स्वास्थ्य महिलाओं में बचपन के सदमे से जुड़ा है मल्टीपल स्केलेरोसिस का जोखिम – स्टडी

महिलाओं में बचपन के सदमे से जुड़ा है मल्टीपल स्केलेरोसिस का जोखिम – स्टडी

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महिलाओं में बचपन के सदमे से जुड़ा है मल्टीपल स्केलेरोसिस का जोखिम – स्टडी

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MS Risk in Women Linked to Childhood Trauma : बचपन में कोई दुर्व्यवहार या सदमा (Childhood Trauma) कई लोगों को जीवनभर के लिए चोट दे जाता है, जिसका फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर असर होता है. अब एक ताजा स्टडी में पाया गया है कि बचपन में लगने वाले सदमे का संबंध आगे चलकर मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) यानी एमएस (MS) का रिस्क बढ़ाता है. ये स्थिति खासतौर पर महिलाओं में ज्यादा पाई गई है. बता दें कि मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) एक ऑटोइम्यून डिजीज है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. इसमें में रोगी पहले अपने शरीर पर कंट्रोल खोने लगे हैं फिर वो धीरे-धीरे कमजोर (दुर्बल) होने लगते हैं. इस स्टडी में प्रमाण मिले हैं कि बचपन का सदमा इम्यून सिस्टम को बदल सकता है और उससे ऑटोइम्यून रोगों का खतरा बढ़ता है.

बचपन में उपेक्षा (Neglect), दुर्व्यवहार (abuse) और घर का अराजक माहौल (chaotic home environment) वयस्क होने पर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ाता है. लेकिन अभी तक नहीं पता कि क्या ये अनुभव मल्टीपल स्केलेरोसिस के बढ़ खतरे से भी जुड़ा होता है. इसका पता लगाने के लिए रिसर्चर्स ने नॉर्वे के माता-पिता और बच्चों की एक समग्र स्टडी की है. इस स्टडी का निष्कर्ष ‘जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी सर्जरी एंड साइकाइट्री (Journal of Neurology Neurosurgery & Psychiatry)’ में प्रकाशित हुआ है.

साल 1999 से लेकर 2008 तक की गई स्टडी में करीब 78 हजार प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया गया. साथ ही उनके स्वास्थ्य पर 2018 के अंत तक निगरानी रखी गई. 18 साल की उम्र से पहले उनके साथ हुए किसी दुर्व्यवहार के बारे में प्रश्नावली के जरिए जानकारी जुटाई गई. जबकि नेशनल हेल्थ रजिस्ट्री डाटा और अस्पतालों के रिकॉर्ड से उनमें एमएस होने या नहीं होने की पुष्टि की गई.

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स्टडी में क्या निकला
स्टडी में शामिल 14 हजार 477 महिलाओं ने माना कि बचपन में उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ है. जबकि 63 हजार 520 महिलाओं का कहना था कि उन्हें किसी दुर्व्यवहार का अनुभव नहीं हुआ. जिन महिलाओं को दुर्व्यवहार से जुड़े किसी सदमे का अनुभव था, उनमें स्मोकिंग करने की प्रवृत्ति ज्यादा पाई गई, जो एमएस का एक ज्ञात कारक माना जाता है. इसके साथ ही उनका ओवरवेट और अवसादग्रस्त होना भी पाया गया.

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रिसर्चर्स ने बताया कि निगरानी अवधि में करीब 300 महिलाओं (हर चार में से एक) में एमएस की पुष्टि हुई. उनके साथ बचपन में दुर्व्यवहार हुआ था. व्यापक विश्लेषण में में स्मोकिंग, मोटापा, शैक्षणिक उपलब्धि और घर की आय जैसे प्रभावी कारकों पर विचार करने पर भी पाया गया कि बचपन में जिनके साथ दुर्व्यवहार हुआ, उनमें एमएस का रिस्क ज्यादा था.

Tags: Health, Health News, Lifestyle

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