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हाइलाइट्स
आयुर्वेद में सभी बीमारियों का इलाज जड़ से किया जाता है.
रिलैक्सेशन टेक्निक से माइग्रेन में काफी आराम मिलता है.
माइग्रेन में रेगुलर योग और एक्सरसाइज करनी चाहिए.
Ayurvedic Treatment for Migraine : माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिसका ट्रीटमेंट आमतौर पर दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ किया जाता है. इसका एक पुराना और माना हुआ इलाज आयुर्वेद भी है. आयुर्वेद में माइग्रेन के इलाज में हर्बल मेडिसिन का यूज किया जाता है, जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है. आयुर्वेद किसी भी बिमारी का ट्रीटमेंट माइंड, बॉडी और सोल को एक साथ लेकर करता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि लिविंग थिंग्स में 5 एलिमेंट्स हवा, जल, आकाश, अग्नि और पृथ्वी होते हैं. ये एलिमेंट्स शरीर की एनर्जी और प्रॉब्लम वात, पित्त और कफ को चेक करते हैं. ऐसे में बॉडी के सारे पार्ट्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. आइए जानते हैं कि आयुर्वेद में माइग्रेन का ट्रीटमेंट करने के लिए किन एलिमेंट्स का उपयोग किया जाता है.
माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक उपचार
रिलैक्सेशन टेक्नीक्स –
हेल्थलाइन डॉट कॉम के मुताबिक, रिलैक्सेशन टेक्नीक्स की मदद से बॉडी और माइंड के स्ट्रेस को कम किया जाता है. ये टेक्नीक्स शरीर के दर्द, सिरदर्द, ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस को कम करती हैं और उसे रोकने में भी सहायक होती हैं.
पंचकर्म थेरपी
पंचकर्म थेरपी में बॉडी को प्यूरिफाई किया जाता है और बॉडी के टॉक्सिंस रिमूव किए जाते हैं, जिससे दर्द जैसी गंभीर समस्याएं धीरे-धीरे कम होती हैं.
योग
योग एक पुरानी प्रैक्टिस है, जो माइंड और बॉडी को रिलैक्स करता है, जिससे शरीर को लाइट फील होता है. योगा पोज हमारे ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं.
रेगुलर एक्सरसाइज
रेगुलर एक्सरसाइज करने से माइग्रेन का असर कम होने लगता है. रेगुलर एक्सरसाइज करने से हमारा शरीर एंडॉर्फिन रिलीज करता है, जो नेचुरल पेन रिलीवर्स होते हैं. यह तनाव, घबराहट और स्ट्रेस के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है.
पथ्यादि
पथ्यादि एक लिक्विड सप्लीमेंट होता है, जो अलग-अलग हर्ब्स को मिलाकर बनाया जाता है. माइग्रेन के ट्रीटमेंट के लिए पथ्यादि में आयुर्वेदिक हर्ब्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमे एंटी-इन्फ्लेमेटरी और पेन-रिलीविंग प्रॉपर्टीज होती हैं.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 04, 2022, 17:21 IST
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