![मोमोज़ का असली स्वाद लेने के लिए पहुंचें कड़कड़डूमा में ‘हंगर्स डिलाइट’ पर मोमोज़ का असली स्वाद लेने के लिए पहुंचें कड़कड़डूमा में ‘हंगर्स डिलाइट’ पर](https://karkey.in/wp-content/uploads/https://images.hindi.news18.com/ibnkhabar/uploads/2022/03/momos-1-164783520916x9.jpg)
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Famous Food Outlets In Delhi-NCR: तिब्बत के मशहूर डिश मोमोज़ ने भी दिल्ली और देश के खानपान में खूब जगह बनाई है. वैसे आपको बताएं कि सालों पहले मोमोज़ उन इलाकों में ही मिलता था, जहां पर तिब्बतियों की रिफ्यूजी कॉलोनियां थीं. उस दौर में भारतीय लोग मोमोज़ को लेकर न्यूट्रल रहते थे, उसका कारण यह था कि एक तो यह देखने में अजीब सा लगता था और दूसरे तिब्बती कॉलोनियों में पोर्क के स्टफ्ड वाला ही मोमोज़ मिलता था. लेकिन जैसे-जैसे खानपान की वैरायटी बढ़ी और लोगों में घर से बाहर खाने का प्रचलन बढ़ा, रेस्तरांओं के मैन्यू में मोमोज़ का नाम दिखने लगा. लेकिन लोगों को यह इसलिए पसंद आने लगा कि बेचने वालों ने इस डिश का भी भारतीयकरण कर दिया.
अब स्टीम्ड के अलावा तंदूरी, फ्राई मोमोज़ भी मिलने लगे और उनमें स्टफ्ड भी पनीर और चिकन का आ गया. आज हम आपको ऐसे ही एक स्टॉल पर लेकर चल रहे हैं, जहां खानपान के अनेकों आइटम हैं, लेकिन इनका मोमोज़ सबसे अधिक नाम कमा रहा है. ओनर का दावा है इलाके में तंदूरी मोमोज़ की शुरुआत उन्होंने ही की. इसके अलावा उनके मोमोज़ दूसरे रेस्तरां से सस्ते के अलावा ज्यादा स्वाद से भरे हुए हैं.
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बहुत कुछ है इस स्टॉल पर लेकिन मोमोज़ की बात निराली है
दिल्ली के यमुनापार का कड़कड़डूमा इलाका आजकल वहां के मशहूर इलाकों में से एक है. कोर्ट तो वहां है ही, ईस्ट एमसीडी का मुख्यालय भी आसपास है. इसके अलावा कई कमर्शियल इलाके भी यहीं पर हैं. इन्हीं में परमेश टॉवर के कन्युनिटी सेंटर में स्टॉल ‘हंगर्स डिलाइट’ (Hunger’s Delight) है, जहां के मोमोज खासे लजीज हैं. खाने के लिए वैसे तो यहां वेज रोल, काठी रोल, बर्गर, मैगी और बहुत कुछ हैं. कहने का मतलब है कि फास्ट फूड में आपको जो चाहिए, वह इस स्टॉल में मिल जाएगा.
उसका कारण यह है कि आसपास कमर्शियल इलाका होने के चलते यहां इस तरह की वैरायटी रखी गई है कि लोग आएं और उन्हें जल्दी से गरमा-गरम खाने को कुछ अच्छा सा मिल जाए. लेकिन आप पाएंगे कि इस स्टॉल पर लोग मोमोज़ को ज्यादा तरजीह देते हैं. उसका कारण है कि वे एकदम फ्रेश होते हैं और उनका स्वाद भी लाजवाब है.
मोमोज़ के साथ मिलने वाली चटनी स्वाद को रंगीला बना देती है
इस स्टॉल पर मोमोज़ की सेलेक्टिव वैरायटी है, जिनमें स्टीम, फ्राइड, तंदूरी, अफगानी और पेरी-पेरी है. इनमें वेज और नॉनवेज (चिकन) दोनों हैं. आपको जो खाना है वह गरमा-गरम आपके आगे परोस दिया जाएगा. आप ऑर्डर दीजिए. सामने ही मोमोज़ तैयार किए जाएंगे और गरमा-गरम आपको परोस दिए जाएंगे. इनके साथ तीखी लाल चटनी और म्यूनिज भी मिलेगी. इनके साथ मोमोज़ का संगम अलग ही स्वाद बनाता है. लोग इस स्टॉल के तंदूरी मोमोज को खूब पसंद करते हैं. उसके साथ अलग से स्पेशल चटनी भी दी जाती है. बाहर से गरम और अंदर से मसालेदार यह मोमोज आपको पूरा मजा देंगे. इन सभी मोमोज़ की कीमत 100 रुपये से लेकर 140 रुपये के बीच है. स्टॉल वालों का दावा है कि इतने सस्ते, शानदार और स्वादिष्ट मोमोज़ यमुनापार में कहीं और खाने को नहीं मिलेंगे.
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पहले खूब घूमे-फिरे, खाया-पिया और फिर खोल लिया स्टॉल
इस स्टॉल को वर्ष 2013 में युवा कारोबारी आकाश अग्रवाल ने शुरू किया था. वह फूड लवर थे. खूब घूमे-फिरे, खाया-पिया और फिर अपना ही स्टॉल खोल लिया. उनका कहना है कि स्वाद की कोई परिभाषा नहीं होती, लोगों में वह अलग-अलग तरह से हिट करता है. हमने स्वाद में वैरायटी रखी, साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा और खाने वालों की सलाह पर भी ध्यान दिया. इसी का परिणाम है कि हम कामयाब रहे. उनका यह भी कहना है कि यमुनापार में तंदूरी मोमोज की शुरुआत हमारे स्टॉल से ही हुई है. दोपहर को दो बजे स्टॉल सज जाता है और देर रात तक खानपान जारी रहता है. मंगलवार को अवकाश रहता है.
नजदीकी मेट्रो स्टेशन: कड़कड़डूमा
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