![सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन क्यों है जरूरी? जानिए किस उम्र में करना चाहिए शुरू सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन क्यों है जरूरी? जानिए किस उम्र में करना चाहिए शुरू](https://karkey.in/wp-content/uploads/https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2022/08/image-74.jpg)
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हाइलाइट्स
हर महिला को करना चाहिए सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन.
छोटी उम्र में भी हो सकती है ब्रेस्ट से संबंधित समस्याएं.
सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन से कैंसर, ट्यूमर की जांच की जा सकती है.
Self Breast Examination Is Important: उम्र के साथ ब्रेस्ट में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं. ब्रेस्ट में ढीलापन, साइज में अंतर और स्किन में झुर्रियां आना सामान्य है लेकिन ब्रेस्ट में दर्द, सूजन और निप्पल्स से डिस्चार्ज होने जैसी समस्या को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. इसलिए ब्रेस्ट में होने वाले बदलाव को समय-समय पर जांचना बेहद जरूरी है. महिलाओं को ही नहीं बल्कि लड़कियों का भी ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना आवश्यक होता है. सेल्फ एग्जामिनेशन से समय रहते ब्रेस्ट से जुड़ी खतरनाक बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. हर 2 महीने में एक बार सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन किया जा सकता है. ब्रेस्ट एग्जामिनेशन से ब्रेस्ट में होने वाली गांठ, कैंसर और ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है. चलिए जानते हैं क्यों है सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन जरूरी.
क्यों है जरूरी सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन
हेल्थलाइन के अनुसार सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन एक स्क्रीनिंग टेक्निक है जिसे खुद किया जा सकता है. एग्जामिनेशन से ट्यूमर, अल्सर और कैंसर का समय रहते पता लगाया जा सकता है. इससे ब्रेस्ट के साइज और बनावट को भी एग्जामिन करने में मदद मिलती है.
किस उम्र में करें शुरुआत
कैंसर और ट्यूमर की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. इन दिनों महिलाओं के साथ कम उम्र की लड़कियों को भी ब्रेस्ट से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिशन की शुरुआत 20 साल की उम्र से की जा सकती है. इस उम्र में लड़कियों के ब्रेस्ट और हार्मोन्स का पूरी तरह से विकास हो जाता है. प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान भी ब्रेस्ट एग्जामिशन करना जरूरी होता है. पीरियड्स के कुछ दिन बाद ये टेस्ट किया जा सकता है.
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कैसे करें सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिशन
ये एक बेहद आसान प्रक्रिया है जो पीरियड्स के चार से पांच दिन बाद की जा सकती है. पीरियड्स के लगभग 4 से 5 दिन बाद ब्रेस्ट में सूजन कम हो जाती है तभी इस टेस्ट को किया जा सकता है. इस टेस्ट को करने के लिए शीशे के सामने सीधे खड़े हो जाएं. फिर जांच करें कि ब्रेस्ट में कोई गांठ या बदलाव तो नहीं है. ब्रेस्ट के साथ अंडर आर्म एरिया की भी जांच करना जरूरी होता है. साथ ही निप्पल्स को दबाकर देखें कि कहीं कोई गांठ या धब्बा तो नहीं है. यदि किसी प्रकार का दर्द या रिसाव दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
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ये लक्षण हो सकते हैं खतरनाक
– निप्पल से सफेद डिस्चार्ज निकलना
– ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द
– ब्रेस्ट के साइज और शेप में अंतर आना
– ब्रेस्ट या अंडरआर्म एरिए में गांठ होना
– रैशेज की समस्या
– ब्रेस्ट में सूजन या लालपन
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Tags: Health, Health problems, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 10, 2022, 21:38 IST
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