Home लाइफ़ हार्ट अटैक से पहले नजर आते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानें दिल की बीमारियों की वजह और बचाव के तरीके

हार्ट अटैक से पहले नजर आते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानें दिल की बीमारियों की वजह और बचाव के तरीके

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हार्ट अटैक से पहले नजर आते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानें दिल की बीमारियों की वजह और बचाव के तरीके

हाइलाइट्स

अचानक सीने में तेज दर्द होना हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हार्ट डिजीज से बचा जा सकता है.

How To Recognize Heart Disease: हार्ट अटैक और अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कम उम्र के लोग भी दिल की बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. पहले माना जाता था कि इन बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग या वयस्कों को होता है, लेकिन अब युवा तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. एक बड़ी बात यह भी है कि अधिकतर लोग हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के शुरुआती लक्षणों को नहीं पहचान पाते. जब अचानक उनकी हालत बिगड़ती है तब इन बीमारियों की पहचान हो पाती है. आज आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने पर शुरुआत में किस तरह के लक्षण नजर आते हैं. साथ ही यह भी जानेंगे कि इनसे कैसे बचा जाए.

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जानें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
नई दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा के मुताबिक सीने में तेज दर्द होने के बाद अगर दर्द कंधे या जबड़े तक पहुंचता है तो यह हार्ट अटैक का बड़ा संकेत होता है. चेस्ट में भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक पसीना आना हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण होते हैं. इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. सडन कार्डियक अरेस्ट (CDA) की कंडीशन में दिल अचानक काम करना बंद कर देता है और स्टैंड स्टिल पोजीशन में चला जाता है. कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति तुरंत गिर सकता है, बोलने में दिक्कत हो सकती है और पल्स, हार्ट बीट या सांस रुक सकती है. ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत सीपीआर देना चाहिए और नजदीकी हॉस्पिटल में मरीज़ को भर्ती करना चाहिए. कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है और इसके पहले से कोई लक्षण नजर नहीं आते.

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युवाओं में ये होते हैं कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लक्षण
डॉ. वनीता अरोरा कहती हैं कि आज के दौर में कम उम्र के लोगों को भी हार्ट डिजीज का खतरा काफी ज्यादा होता है. किसी भी उम्र में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. युवाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने पर सांस लेने में दिक्कत, सीने में भारीपन, पसीना आना, धड़कन तेज होना, थकान, एनर्जी लॉस या बेहोशी जैसे लक्षण नजर आते हैं. इस तरह के संकेत मिलने पर कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क कर अपना चेकअप कराना चाहिए. साथ ही जिम जॉइन करने से पहले भी कार्डियोलॉजिस्ट से कंसल्ट कर लेना चाहिए.

हार्ट डिजीज की प्रमुख वजह और बचाव के तरीके
कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार स्मोकिंग, एल्कोहल, स्ट्रेस, खाने-पीने की गलत आदतें, फिजिकल एक्टिविटी न करना, सोने का समय ठीक न होना समेत कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जिसकी वजह से युवा तेजी से हार्ट अटैक और अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इससे बचने के लिए उन्हें स्मोकिंग और एल्कोहल से पूरी तरह दूरी बनानी होगी. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी होगी और स्ट्रेस को बेहतर तरीके से मैनेज करना होगा. इसके अलावा हर दिन कम से कम 4 किलोमीटर वॉक करनी चाहिए. हर दिन फिजिकल एक्टिविटी करना बेहद जरूरी होता है.

Tags: Health, Heart attack, Heart Disease, Lifestyle, Trending news

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