![anupam kher remembers lata mangeshkar in this way, shared old audio in which lata ji was singing geeta shlok | अनुपम खेर ने इस अंदाज में लता मंगेशकर को किया याद, शेयर की पुरानी ऑडियो anupam kher remembers lata mangeshkar in this way, shared old audio in which lata ji was singing geeta shlok | अनुपम खेर ने इस अंदाज में लता मंगेशकर को किया याद, शेयर की पुरानी ऑडियो](https://karkey.in/wp-content/uploads/https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/2022/02/06/1040371-lata-mangeshar.jpg)
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नई दिल्ली: मशहूर गायिका लता मंगेशकर इस दुनिया में नहीं रहीं. उनके गुजरने के बाद तमाम दिग्गजों से लेकर आम आदमी ने तक उन्हें अपने तरीकों से याद किया. ऐसे में बॉलीबुड एक्टर अनुपम खेर ने ट्विटर पर लता जी को याद करते हुए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग शेयर की. यह रिकॉर्डिंग 22 दिसंबर 2021 की है.
दिसंबर की ऑडियो रिकॉर्डिंग की शेयर
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में लता जी और अनुपम खेर एक वर्चुअल कार्यक्रम का हिस्सा थे. तब अनुपम खेर ने एक फैन होने के नाते यह आवाज रिकॉर्ड की थी.
अनुपम खेर भी लता जी के फैन
ऑडियो रिकॉर्डिंग को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि लता जी का भगवद्गीता के श्लोक को गाते हुए आखरी संदेश, 22/12/2021 की दोपहर Zoom पर आजादी का अमृत महोत्सव कमेटी की दूसरी मीटिंग में जब लता जी की बोलने की बारी आई. तो फैन होने के नाते मेरा दिल किया की मैं उनकी आवाज रिकार्ड कर लूं. सुनिए… क्या बोली थीं विश्व की महान गायिका.’
लता जी ने सुनाए थे गीता के श्लोक
लता जी का भगवद्गीता के श्लोक को गाते हुए आख़री संदेश; 22/12/2021 की दोपहर zoom पर आज़ादी का अमृत महोत्सव कमेटी की दूसरी मीटिंग में जब लता जी की बोलने की बारी आयी तो फ़ैन होने के नाते मेरा दिल किया की मैं उनकी आवाज़ रिकार्ड कर लूँ! सुनिये! क्या बोली थीं विश्व की महान गायिका pic.twitter.com/arJXxohgUN
— Anupam Kher (@AnupamPKher) February 6, 2022
पिछले 75 वर्षों में भारत का नेतृत्व करने वाले नेताओं के योगदान की सराहना करते हुए और नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए लता मंगेशकर ने ‘भगवद् गीता’ की अमर पंक्तियों का पाठ किया था :
‘यदा याद हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत/ अभ्युत्थानं अधर्मस्य तदात्मानम् सृजाम्यहं’ (जब भी धर्म-अर्थात नैतिक जीवन का भवन खतरे में होता है, मैं मानव जाति की भलाई के लिए पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेता हूं). ‘परित्राणाय साधुनाम् विनाशायच दुष्कृतां/धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे.’ (अच्छे की रक्षा और बुराई के विनाश के लिए धर्म की स्थापना के लिए मैं एक युग से दूसरे युग में पुनर्जन्म लेता हूं.)
इन पंक्तियों को अपनी सुरीली मधुर आवाज में सुनाते हुए लताजी ने अपने संदेश को इस घोषणा के साथ समाप्त किया था कि भगवान हमेशा हमारे साथ खड़े हैं और हमेशा हमारे साथ रहेंगे, क्योंकि भारत ताकत से अधिक ताकत की ओर जा रहा है.
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