Home स्वास्थ्य Bakrid 2022: बकरीद के दिन क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी? जानिए इसके पीछे की वजह – Bakrid 2022 Know History Significance and reason why goat is sacrificed on the day of Bakrid

Bakrid 2022: बकरीद के दिन क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी? जानिए इसके पीछे की वजह – Bakrid 2022 Know History Significance and reason why goat is sacrificed on the day of Bakrid

0
Bakrid 2022: बकरीद के दिन क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी? जानिए इसके पीछे की वजह – Bakrid 2022 Know History Significance and reason why goat is sacrificed on the day of Bakrid

[ad_1]

Bakrid 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK
Bakrid 2022

Bakrid 2022:  ईद-उल-ज़ुहा या बकरीद (Bakrid) का दिन फर्ज़-ए-कुर्बान का दिन होता हैं। वैसे तो सभी लोग जानते होंगे कि बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती हैं। मुस्लिम समुदाय में बकरे को पाला जाता है और अपनी हैसियत के अनुसार उसकी देख-रेख की जाती हैं और जब वो बड़ा हो जाता हैं उसे बकरीद के दिन अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं जिसे फर्ज-ए-कुर्बान के नाम से जाना जाता है। इस बार बकरीद 10 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है।  बकरीद के दिन केवल बकरे की ही नहीं बल्कि कहीं भैंस तो कहीं ऊंट की भी कुर्बानी दी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि बकरीद के दिन आखिर  क्यों दी जाती बकरे की कुर्बानी और क्या है इसके पीछे का सच।

जानिए क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी?

बकरे की कुर्बानी देने के पीछे एक ऐतिहासिक तथ्य छिपा हुआ हैं जिसमे कुर्बानी की ऐसी दास्तान हैं जिसे सुनकर ही दिल कांप जाता हैं। हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए थे। हजरत इब्राहिम को लगा कि उन्हें सबसे प्रिय तो उनका बेटा है इसलिए उन्होंने अपने बेटे की ही बलि देना स्वीकार किया।

हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्‍दा खड़ा हुआ देखा। बेदी पर कटा हुआ मेमना पड़ा हुआ था, तभी से इस मौके पर बकरे और मेमनों की बलि देने की प्रथा है।

तब से इसी की याद में ये त्यौहार को मनाया जाता है। हजरत इब्राहिम को पैगंबर के रूप में जाना जाता है जो अल्लाह के सबसे करीब हैं। उन्होंने त्याग और कुर्बानी का जो उदाहरण विश्व के सामने पेश किया वह अद्वितीय है। इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी देने के लिए कहा। कुछ जगह लोग ऊंटों की भी बलि देते हैं। तब ही से कुर्बानी देने की परंपरा चली आ रही है जिसे बकरीद ईद-उल-जुहा के नाम से दुनियाँ जानती हैं |

बकरीद का सच

इस्लाम में हज करना जिंदगी का सबसे जरुरी भाग माना जाता हैं। जब वे हज करके लौटते हैं तब बकरीद पर अपने अज़ीज़ की कुर्बानी देना भी इस्लामिक धर्म का एक जरुरी हिस्सा हैं जिसके लिए एक बकरे को पाला जाता हैं। दिन रात उसका ख्याल रखा जाता हैं। ऐसे में उस बकरे से भावनाओं का जुड़ना आम बात हैं। कुछ समय बाद बकरीद के दिन उस बकरे की कुर्बानी दी जाती हैं।

इस तरह मनाई जाती हैं बकरीद

  • कुर्बान किया जाने वाला जानवर देख परख कर पाला जाता हैं।
  • बकरे को कुर्बान करने के बाद उसके मांस का एक तिहाई हिस्सा खुदा को, एक तिहाई घर वालो एवम दोस्तों को और एक तिहाई गरीबों में दे दिया जाता है। 
  • इस दिन नए कपड़े पहने जाते हैं। 
  • सबसे पहले ईदगाह में ईद सलत पेश की जाती हैं। 
  • इस दिन गिफ्ट्स दिए जाते हैं, खासतौर पर गरीबो का ध्यान रखा जाता हैं उन्हें खाने को भोजन और पहने को कपड़े दिए जाते हैं। 
  • बच्चों और अपने से छोटो को ईदी दी जाती हैं। 
  • ईद की प्रार्थना नमाज अदा की जाती हैं। 
  • इस दिन बकरे के अलावा गाय, बकरी, भैंस और ऊंट की कुर्बानी दी जाती हैं। 

डिस्क्लेमर – ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

ये भी पढ़ें – 

Som Pradosh Vrat 2022: सोम प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं 4 शुभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

Budh Gochar 2022 in July: इस महीने बुध का तीन बार होगा राशि परिवर्तन, इन राशियों को होगा फायदा

Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन के दिन बहने इस वक्त पर न बांधें अपने भाई को राखी, वरना हो सकता है अपशगुन

Chaturmas 2022: 10 जुलाई से शुरू हो रहा है चातुर्मास, इन 3 राशियों को चार महीने रहना होगा विशेष सावधान

 

 

 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here