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China India | Chinese Smartphone Companies; Agency Probe Against Xiaomi, Oppo And Vivo In India | शाओमी-वीवो ने इंडियन कस्टमर्स से कमाए 1 लाख करोड़, टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दिया 1 भी रुपया

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China India | Chinese Smartphone Companies; Agency Probe Against Xiaomi, Oppo And Vivo In India | शाओमी-वीवो ने इंडियन कस्टमर्स से कमाए 1 लाख करोड़, टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दिया 1 भी रुपया

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नई दिल्ली30 मिनट पहले

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भारत के स्मार्टफोन मार्केट में चीनी कंपनियों की जड़ें जमी हुई हैं। शाओमी, ओप्पो, वीवो चीनी कंपनियों की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। इनके लो बजट से लेकर प्रीमियम स्मार्टफोन तक ऑप्शन मौजूद हैं। भारतीय ग्राहकों से इनकी अच्छी खासी कमाई भी हो रही है। हालांकि, जब बात टैक्स अदा करने की आती है तब ये भारत के टैक्स डिपार्टमेंट को ठेंगा दिखा देती हैं। अब टैक्स को लेकर ये सरकार के निशाने पर आ चुकी हैं। टैक्स से जुड़े मामले को लेकर कई अलग-अलग एजेंसियां इन सभी चीनी कंपनियों की जांच कर रही हैं।

इन सभी कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने अपनी इनकम के बारे में जानकारी छिपाई है। टैक्स से बचने के लिए प्रॉफिट की जानकारी भी नहीं दी। साथ ही, भारतीय बाजार में घरेलू इंडस्ट्री को तबाह करने के लिए अपने दबदबे का इस्तेमाल किया है। पिछले कुछ सालों के दौरान इन तीनों कंपनियों पर रेगुलेटरी फाइलिंग में अनियमितता का आरोप है। इनके बिजनेस प्रैक्टिसेज की भी जांच की जाएगी।

कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया भी कर सकता है जांच
बीते दिनों अलग-अलग एजेंसियों ने चीनी फोन कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) भी शामिल रही। यही वजह है कि सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ व्यापक जांच शुरू की है। चीनी कंपनियों पर चल रही जांच से जुड़े सूत्र ने बताया कि इन कंपनियों पर अपनी पोजीशन का फायदा उठाने और रेस्ट्रिक्टिव ट्रेड प्रैक्टिस अपनाने का भी आरोप है। इस वजह से कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी इस जांच में शामिल हो सकता है।

फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में कई खामियां सामने आईं
मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, चीनी कंपनियों ने हाल के सालों में जो फाइनेंशियल रिपोर्टिंग की है, उसके शुरुआती आंकलन में खामियों का पता चलता है। इसमें टैक्स चोरी, कमाई छिपाने और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई है। सरकार सभी संभावित मुद्दों की जांच कर रही है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी की भी इस पर करीबी नजर है।

शानदार बिक्री के बाद भी कंपनियों ने घाटा दिखाया
शाओमी, ओप्पो और वीवो ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की फाइलिंग में घाटा दिखाया है। जबकि इस दौरान उनकी जबरदस्त बिक्री रही। ज्यादा फोन बेचने वाली कंपनियों की लिस्ट में वे टॉप पर रहीं। इस बारे में जब इन तीनों कंपनियों की भारतीय यूनिट्स को सवाल भेजे गए तो उन्होंने काई जवाब नहीं दिया। ओप्पो और वीवो का मालिकाना हक चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी BBK के पास है। ये भारत में वनप्लस और रियलमी ब्रांड्स को कंट्रोल करती है।

चीनी कंपनियों ने अपनी नेटवर्थ निगेटिव दिखाई
मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2019-20 में इन सभी कंपनियों का भारत में कुल टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा था। हालांकि, इन कंपनियों ने भारत में एक रुपए का भी टैक्स नहीं दिया। वीवो और ओप्पो 2016-17 से अपनी नेटवर्थ निगेटिव में दिखा रही हैं। देश के स्मार्टफोन मार्केट में लीडर होने का दावा करने वाली शाओमी भारत में भारी नुकसान दिखा रही है। 2018-19 में उसने 2447 करोड़ रुपए और 2019-20 में 3277 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया था।

भारतीय कंपनियों की हिस्सेदास 10% से भी कम
देश में चीनी कंपनियों के दबदबे ने भारतीय कंपनियों की नींव कमजोर की है। लावा, कार्बन, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स जैसी कंपनियों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में उनकी हिस्सेदारी 10% से भी कम रह गई है। चीनी कंपनियों पर यह भी आरोप है कि वे डिस्ट्रिब्यूशन स्थानीय कंपनियों से हाथ नहीं मिलाती हैं। उनके अधिकांश सप्लायर्स चीनी कंपनियां हैं। साथ ही कलपुर्जों की सोर्सिंग में भी पारदर्शिता नहीं है।

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