हाइलाइट्स
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं. इसमें प्रेग्नेंसी तक ब्लड शुगर बढ़ा रहता है
जेशटेशनल डायबिटीज से बचने के लिए प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही ब्लड शुगर की जांच कराएं
Diabetes during pregnancy: प्रेग्नेंसी में डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) कहते हैं. खास बात यह है कि जेस्टेशनल डायबिटीज सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान ही होता है. हालांकि अन्य डायबिटीज की तरह ही जेशटेशनल डायबिटीज में भी ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिसके कारण प्रेग्नेंसी पर असर होता है और इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है. अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जिन महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर बढ़ा रहता है, उनमें प्रीमेच्योर बर्थ का जोखिम बढ़ जाता है. यानी गर्भ में 9 महीने की अवधि पूरा करने से पहले बच्चे का जन्म हो जाता है. गौरतलब है कि पांच साल से पहले होने वाली मौतों में समय पूर्व जन्म सबसे बड़े कारणों में से एक है.
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जन्म के समय जटिलताएं भी बढ़ीं
टीओआई की एक खबर के मुताबिक इस अध्ययन में 2600 महिलाओं के आंकड़ें जुटाए गए और इनके विश्लेषण के बाद पाया गया कि प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज से कई अन्य तरह की जटिलताएं भी सामने आती है. ब्रिटिश डायबेटिक एसोसिएशन के जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अगर प्रेग्नेंसी के दौरान चार महीने भी जेस्टेशनल डायबिटीज रहता है तो प्रीमेच्योर बच्चे पैदा लेने का जोखिम 19 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. अध्ययन में प्रेग्नेंसी के 6 महीने के भीतर जेशटेशनल डायबिटीज का इलाज करने वाली महिलाएं या उसके बाद भी इसका इलाज कराने वाली महिलाएं और बिना जेशटेशनल डायबिटीज वाली प्रेग्नेंट महिलाओं से जुटाए गए आंकड़े का विश्लेषण किया. अध्ययन में पाया गया जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज नहीं था, उनकी तुलना में जेशटेशनल डायबिटीज वाली महिलाओं में कई तरह की जटिलताएं आ गई. इनमें न सिर्फ प्रीमेच्योर बच्चे का जन्म हुआ बल्कि जन्म के समय आईसीयू में भर्ती करने की दर भी बढ़ गई और कुछ महिलाओं में बच्चों का वजन भी बढ़ा हुआ था.
जेशटेशनल डायबिटीज से कैसे बचें
मायो क्लिनिक की वेबसाइट के मुताबिक जेशटेशनल डायबिटीज से बचने के लिए प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही ब्लड शुगर की जांच कराएं. अगर ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है तो हेल्दी डाइट का सेवन करें. हरी साग सब्जियों का सेवन बढ़ा दें. फाइबर युक्त फूड लें. साबुत अनाज फायदेमंद होगा. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहें. कम से कम 30 मिनट का हल्का फुल्का व्ययाम करें. कुछ देर पैदल चलें. वजन को किसी भी हाल में बढ़ने न दें. सिगरेट, शराब को बाय कहें. कार्बोहाइड्रैट वाली चीजों से बचें. ज्यादा चीनी या ज्यादा नमक का सेवन न करें.
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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle, Pregnancy
FIRST PUBLISHED : November 07, 2022, 15:02 IST