Home Entertainment सिनेमा Hindi Diwas 2021 Aag Ko Rakt Phool in Jungle Book, the story of Infinity Stones becoming infinite gem in Avengers, even a word in Hindi script of Hollywood films goes on for weeks | जंगल बुक के रक्त फूल हों या एवेंजर्स की अनंत मणि, हॉलीवुड फिल्मों की हिन्दी डबिंग में एक-एक शब्द पर हफ्तों चलती है बहस

Hindi Diwas 2021 Aag Ko Rakt Phool in Jungle Book, the story of Infinity Stones becoming infinite gem in Avengers, even a word in Hindi script of Hollywood films goes on for weeks | जंगल बुक के रक्त फूल हों या एवेंजर्स की अनंत मणि, हॉलीवुड फिल्मों की हिन्दी डबिंग में एक-एक शब्द पर हफ्तों चलती है बहस

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Hindi Diwas 2021 Aag Ko Rakt Phool in Jungle Book, the story of Infinity Stones becoming infinite gem in Avengers, even a word in Hindi script of Hollywood films goes on for weeks | जंगल बुक के रक्त फूल हों या एवेंजर्स की अनंत मणि, हॉलीवुड फिल्मों की हिन्दी डबिंग में एक-एक शब्द पर हफ्तों चलती है बहस

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मुंबई2 घंटे पहलेलेखक: हिरेन अंतानी

  • हॉलीवुड की 21 फिल्मों का ट्रांसलेशन कर चुके मयूर पुरी से खास बातचीत

आज हिन्दी दिवस है, वैसे तो बॉलीवुड के हिन्दी संवाद ज्यादातर लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं, लेकिन कई बार हॉलीवुड की हिन्दी डब्ड फिल्मों के डायलॉग्स भी दर्शकों को महीनों याद रह जाते हैं।

जंगल बुक फिल्म में आग को रक्त फूल नाम दिया गया, वहीं लॉयन किंग में लकड़बग्घों की भाषा में बिहारी लहजा इस्तेमाल किया गया। ऐसा नहीं है कि ये सब अंग्रेजी से हिंदी में डब करते समय अचानक हुआ। हॉलीवुड फिल्मों की डबिंग स्क्रिप्ट बनाते समय ये सब तय किया जाता है।

कई बार ऐसा भी होता है कि किसी एक सीन या शब्द पर गाड़ी अटक जाती है। हफ्तों लग जाते हैं, ये तय करने में ही कि इस शब्द को किस तरह डायलॉग में रखा जाए कि वो हिन्दी बेल्ट के दर्शकों को कनेक्ट कर सके।

ओम शांति ओम जैसी फिल्म के लेखक और गीतकार मयूर पुरी बॉलीवुड में इस समय सबसे बड़ा नाम हैं हॉलीवुड की फिल्मों का हिन्दी वर्जन बनाने वालों में। मयूर पिछले 5 सालों में 21 हॉलीवुड फिल्मों के हिन्दी डायलॉग्स लिख चुके हैं। दैनिक भास्कर ने मयूर से हिन्दी दिवस के मौके पर हॉलीवुड फिल्मों के हिन्दी रूपांतरण पर बात की और जाना कि बहुत हल्का-फुल्का सा दिखने वाला ये काम वाकई कितना गंभीर और टाइम टेकिंग है।

इन्फिनिटी स्टोन का हिंदी नाम रखने में भारी जद्दोजहद हुई
हॉलीवुड की साई-फाई फिल्म दी एवेंजर्स में सुपर हीरोज के इन्फिनिटी स्टोन्स का हिंदी नाम रखने के लिए बहुत माथापच्ची हुई। इन्फिनिटी का हिंदी अर्थ ‘अनंत’ होना तो तय था, ‘स्टोन्स’ पर बात अटक गई। अनंत पत्थर पहला ऑप्शन था, लेकिन टाइटल में जम नहीं रहा था और फिल्म की कहानी और पूरी ट्रीटमेंट के हिसाब से पत्थर सेट भी नहीं हो रहा था।

काफी लंबी बहस के बाद यह तय हुआ कि उंगली पर लकी स्टोन पहनने वाले भारतीय स्टोन को मणि से समझ पाएंगे। इसके बाद फिल्म का हिंदी टाइटल हुआ ‘अनंत मणि’।

इसके बाद एक लंबी बहस यह चली कि मणि को पुल्लिंग कहा जाए या स्त्रीलिंग। मार्केटिंग, क्रिएटिव, डबिंग आदि के लोगों की बाकायदा एक बैठक हुई। बहुमत यह था कि मणि स्त्रीलिंग होना चाहिए, लेकिन मयूर डटे रहे कि बहुमत से व्याकरण नहीं बदल सकते। भारत में मेरा मोती, मेरे गले का मोती, मेरा मानिक, मेरा पन्ना इस तरह सारे जेम्स और स्टोन्स पुल्लिंग ही हैं। यहां तक की किसी लड़की का नाम मोती नहीं होता, लेकिन पुरुष में मोतीलाल जरूर मिल जाएंगे। आखिर में मणि को पुल्लिंग मान लिया गया।

जब टैक्सास बन गया वासेपुर
हॉलीवुड फिल्मों की पूरी मार्केटिंग टाइटल और किरदार के नाम पर होती है। इसे रूपांतरण में चेंज नहीं कर सकते। मगर फिल्म ‘थोर रग्नारोक’ में एक डायलॉग था ‘दीस टॉइज आई गॉट फ्रॉम टैक्सास, वन इज कॉल्ड डिस, अनदर इज ट्रॉय, इट विल डिस्ट्रॉय’।

टैक्सास स्टेट के गन कल्चर को समझने वाले अमेरिका के दर्शक के लिए यह ठीक था, लेकिन भारत में इस डायलॉग को समझना दर्शकों के लिए आसान नहीं होता। यहां वासेपुर का गन कल्चर लोग जानते हैं, इसलिए इसे हिंदी में टैक्सास की जगह वासेपुर किया गया, और अंग्रेजी डायलॉग हिंदी में कुछ इस तरह हो गया- “मै वासेपुर से दो खिलौने लाया हूं, एक का नाम है बर और दूसरे का नाम है बादी, दोनों साथ चलेंगे तो होगी बर्बादी।’’

जंगल बुक के मोगली की ट्रिक्स बन गईं जुगाड़
फिल्म ‘जंगल बुक’ में मोगली इंसानी दिमाग लगाकर कुछ ना कुछ तरीके निकालता रहता है। मोगली के साथ वाले जानवर गुस्से से कहते हैं – ‘योर ट्रिक्स विल नॉट वर्क हियर’।

ट्रिक्स यानी युक्ति, लेकिन किसी जानवर के मुंह से ‘युक्ति’ शब्द अच्छा नहीं लगता। इसलिए, यहां जुगाड़ शब्द डाला गया। मजे कि बात यह थी कि हॉलीवुड के भाषा संबंधित लोगों को भी जुगाड़ शब्द का पता था। यह तुरंत ओके हो गया।

आग कैसे बनी रक्त फूल?
‘जंगल बुक’ में जंगल के जानवरों को आग से आश्चर्य भी होता है और डर भी लगता है। आग उनके लिए प्राकृतिक चीज नहीं, इंसानों की खोजी हुई कोई तिलिस्मी चीज है। वे आग को रेड फ्लॉवर कहते हैं।

हिंदी में अग्नि फूल शब्द में रोमांच या डर का भाव नहीं आ रहा था। अमेरिका के मुकाबले भारत में कमल से लेकर गुलाब और पलाश जैसे बहुत सारे लाल फूल हैं। इसलिए ‘लाल फूल’ से भी बात नहीं बन रही थी।

आखिर कई दिनों तक बातचीत के बाद ‘रक्त फूल’ शब्द तय किया गया। मनुष्य हो या जानवर सबका रक्त लाल होता है। आग की लपटें भी कई बार लाल दिखाई देती हैं। रक्त के साथ एक भय और रहस्य भी जुड़ा है।

वैसे ‘रक्त पुष्प’ का भी विकल्प सोचा गया था, पर ‘पुष्प’ आम बोलचाल का शब्द नहीं था इसलिए वह ऑप्शन मान्य नहीं किया गया।

जंगल बुक के कैरेक्टर्स मोगली, बघीरा और भालू बल्लू।

जंगल बुक के कैरेक्टर्स मोगली, बघीरा और भालू बल्लू।

‘जंगल बुक’ की पंजाबी कुड़ियां
‘जंगल बुक’ में भालू बल्लू का किरदार किसी पंजाबी जैसे ही खाने पीने का शौकीन है। उसके डायलॉग्स को थोड़ा पंजाबी टच देना तय हुआ था। बल्लू मोगली को पहाड़ों से मधु कोश यानी मधुमक्खी के छत्तों तक यह कहकर भेजता है कि मधुमक्खियां डंक नहीं मारती हैं, लेकिन मधुमक्खियां मोगली पर टूट पड़ती हैं। मोगली बल्लू से पूछता है कि तुमने तो कहा था ये डंक नहीं मारतीं। बल्लू हंसते हुए कहता है, ‘अरे वो कुड़ियां होंगी, कुड़ियां डंक मारती हैं।’

यहां मधुमक्खियों के लिए ‘कुड़ियां’ पंजाबी शब्द था, लेकिन हिन्दी के लोग भी उससे कनेक्ट कर सकते थे।

लॉयन किंग के बिहारी लकड़बग्घे
जब ‘लॉयन किंग’ के विजुअल्स देखे, तो पता चला कि उसका बैकग्राउंड झारखंड के ओपन कोल फील्ड की रूखी-सूखी बंजर भूमि व गहरे रंग की याद दिलाता है। इसलिए फिल्म में विलेन लॉयन का साथ देने वाले लकड़बग्घों की भाषा वैसी ही रखी गई। एक लकड़बग्घे का डायलॉग था ‘अरे बहुत जबरका किए हो, गर्दाफाड़ दिए।’

मोआना में ‘यू आर वेलकम’ गाना हिंदी में बना ‘तथास्तु’
एनिमेशन मूवी मोआना में पॉपुलर सॉन्ग ‘यू आर वेलकम’ का हिंदी रूपांतरण ‘आप का स्वागत है’ तो नहीं किया जा सकता था। गीत के बोल का अर्थ, उसका लहजा और खास वह जो मैसेज दे रहा था, उसे दर्शाने के लिए ‘यू आर वेलकम’ का हिंदी किया गया ‘तथास्तु’।

भारत के लोग ‘तथास्तु’ शब्द से परिचित भी हैं और इस गाने के बैकग्राउंड और उसके साथ-साथ म्यूजिक में ‘तथास्तु’ एकदम फिट भी बैठ गया। यू ट्यूब पर इन दोनों गाने के वर्जन देखेंगे तो यह समझ आ जाएगा।

एक चुटकी मिर्ची की कीमत तुम क्या जानो
हॉलीवुड फिल्म के हिंदी रूपांतरण में बॉलीवुड फिल्मों के डायलॉग्स भी बहुत मदद करते हैं। जैसे फिल्म ‘कैप्टन अमेरिका- सिविल वॉर’ में वॉन्डा यानी रोबोट विजन का कुकिंग सीन है। इसमें वॉन्डा खाने में थोड़ी सी मिर्च डालती है। यहां पर भारत के लोगों को कनेक्ट करने के लिए डायलॉग डाला गया था, ‘एक चुटकी मिर्ची की कीमत तुम क्या जानो विजन बाबू।’

इसी फिल्म में जब स्पाइडर मैन की एंट्री होती है तो वह अपनी पहचान कुछ इस तरह से देता है ‘मै स्पाइडर मैन, जबरा फैन’। जबरा फैन इसलिए जोड़ा गया, क्योंकि उस समय शाहरुख खान की फिल्म फैन का गाना जबरा फैन काफी फेमस था।

इसी तरह थोर रेगनोर में ग्रैंड मास्टर हल्क को इंट्रोड्यूस कर रहे हैं। अंग्रेजी में तो वे बोलते हैं कि ‘ही इज माइटी, ही इज वॉरियर…’ पर हिंदी में शाहरुख की फिल्म दिल तो पागल है के गाने से प्रेरित होकर यह संवाद बनाया गया कि ‘भोली सी सूरत, आंखों में गुस्सा, दूर खड़ा गुर्राए… आए हाए..।’

‘इनक्रेडिबल-2’ के सुपर हीरो में बिजली की ताकत है। वह अपनी बॉडी से स्पॉर्क फ्लाय करता है। इसलिए, उसका परिचय देने के लिए लिखा गया, ‘बैक मारता है, फ्रंट मारता है, देखो ये लड़का करंट मारता है।’

गानों को हिंदी में ढालना सबसे मुश्किल
‘लायन किंग’, ‘मुआना’ और ‘जंगल बुक’ जैसी फिल्मों में कई सारे गाने भी लिए गए। यह सबसे मुश्किल था। गीत का अर्थ, भाव और ट्यून को ख्याल में रखते हुए भारतीय रूपांतरण करना था।

‘लायन किंग’ में एक और गीत ‘कैन यू फील लव टुनाइट’ इसमें मुंबइया हिंदी और नॉर्मल हिंदी दोनों का प्रयोग किया गया। ‘प्यार का चढ़ा बुखार, बैठो फिर आराम से, मस्ती के दिन को गुडबाय बोल के, भाई तो गया काम से।’

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