Home Entertainment सिनेमा How was the story of Sher Singh Rana from the murder of Phoolandevi to bringing the ashes of Emperor Prithviraj Chauhan, Vidyut Jamwal will make 22 Thakurs by killing Phoolan Devi | फूलन को मारकर 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लिया, जेल से भागकर अफगानिस्तान से पृथ्वीराज की अस्थियां भारत लाए

How was the story of Sher Singh Rana from the murder of Phoolandevi to bringing the ashes of Emperor Prithviraj Chauhan, Vidyut Jamwal will make 22 Thakurs by killing Phoolan Devi | फूलन को मारकर 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लिया, जेल से भागकर अफगानिस्तान से पृथ्वीराज की अस्थियां भारत लाए

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How was the story of Sher Singh Rana from the murder of Phoolandevi to bringing the ashes of Emperor Prithviraj Chauhan, Vidyut Jamwal will make 22 Thakurs by killing Phoolan Devi | फूलन को मारकर 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लिया, जेल से भागकर अफगानिस्तान से पृथ्वीराज की अस्थियां भारत लाए

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एक घंटा पहले

बॉलीवुड में एक और बायोपिक बन रही है, जिसका नाम है शेर सिंह बना। विद्युत जामवाल शेर सिंह का रोल निभा रहे हैं। शेर सिंह राणा वो हैं, जिसने 25 जुलाई 2001 को डाकू से सांसद बनी फूलन देवी की उनके घर के बाहर ही गोली मार कर हत्या कर दी थी। ये 1981 में हुए उस बेहमई हत्याकांड का बदला था, जिसमें फूलन देवी ने गांव के 22 ठाकुरों को एक साथ मार दिया था। बदला लेने वाले शख्स का नाम था शेर सिंह राणा, जिसने फूलन देवी की हत्या के 2 दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। कहानी सिर्फ इतनी नहीं है।

केस चल रहा था और शेर सिंह को तिहाड़ जेल में रखा गया, लेकिन, 3 साल जेल में रहकर वो फरार हो गया। पहले बांग्लादेश और फिर दुबई होता हुआ अफगानिस्तान पहुंचा। वहां से सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लेकर भारत लौटा। फिर जेल गया, जमानत पर छूटा, चुनाव लड़ा, 10 करोड़ का दहेज ठुकराया।

शेर सिंह की कहानी अपने आप में एक फिल्म है। जिसमें भरपूर रोमांच है और एक्शन भी। शेर सिंह का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था माता-पिता ने नाम रखा पंकज सिंह राणा। छोटे से परिवार में शेर सिंह का एक भाई, माता-पिता और पत्नी है। आज बात करेंगे शेर सिंह की जिंदगी की…

22 राजपूतों की हत्या का बदला लेने के लिए सांसद की हत्या
फूलन देवी के साथ मप्र के बेहमई गांव में ठाकुर समाज के कई लोगों ने 3 सप्ताह तक बलात्कार किया। इसी का बदला लेने के लिए फूलन ने एक शादी में पुलिस की वर्दी में शामिल होकर 14 फरवरी 1981 को एक साथ 22 लोगों को एक लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी। इस हत्याकांड को ही बेहमई हत्याकांड के नाम से जाना जाता है। डाकू फूलन देवी ने बाद में आत्मसमर्पण कर दिया था।

बाद में जेल से छूटने पर फूलन सांसद बन गईं। यहीं से शुरू होती है शेर सिंह की कहानी, जब शेर सिंह ने 25 जुलाई 2001 को दिल्ली स्थित सरकारी आवास के सामने गोलियों से भूनकर फूलन देवी की हत्या कर दी। इस घटना के लगभग 2 दिन बाद शेर सिंह ने देहरादून पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। शेर सिंह ने इस हत्या का चौंकाने वाला खुलासा किया। पुलिस के अनुसार, राणा ने बेहमई हत्याकांड में मारे गए 22 राजपूतों की हत्या का बदला लेने के लिए फूलन देवी की हत्या की थी।

फिल्मी अंदाज में तिहाड़ जेल से फरार
राणा पर हत्या का केस चल रहा था, वो 3 साल तिहाड़ जेल में बंद रहा। 17 फरवरी 2004 को राणा जेल से फरार हो गया। इसके बाद वो मुरादाबाद की एक होटल में रुका और अपने रिश्तेदारों से एक लाख रुपए मंगाए। फिर 2 महीने वीजा के लिए भारत में ही भटकने के बाद वो बांग्लादेश पहुंचा। वहां उसने 16,500 रुपए में एक सैटेलाइट फोन खरीदा, जिससे बिना ट्रैक हुए वो अपने रिश्तेदारों से आसानी से बात कर सके। इस दौरान रिश्तेदारों से शेर सिंह राणा को 15-20 हजार रुपए हर महीने मिलते रहे। बांग्लादेश से दुबई होते हुए वो अफगानिस्तान पहुंच गया।

गजनी से लाया पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां
शेर सिंह राणा अफगानिस्तान पहुंचने के बाद वहां से गजनी पहुंचकर 11वीं शताब्दी के सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां भारत ले आया। इस दौरान शेर सिंह ने 40 मिनट का एक वीडियो भी बनाया, जिसे उसने यू-ट्यूब पर अपलोड किया है। इस वीडियो में राणा किस तरह से वहां से अस्थियां लेकर आया. यह दिखाया गया है। इस दौरान शेर सिंह लगभग 2 साल जेल से फरार रहा।

गेस्ट हाउस से फिर हुआ गिरफ्तार
अफगानिस्तान से भारत आने के बाद 2006 में राणा को फिर एक बार कोलकाता के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद दिल्ली की अदालत ने राणा को फूलन देवी की हत्या के आरोप में 14 अगस्त 2014 को उम्रकैद और 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई, लेकिन सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां जान जोखिम में डालकर भारत लाने के बाद उसकी छवि अलग बन गई और उसे एक हत्या के आरोपी के रूप में न देखकर अच्छा व्यक्ति समझा जाने लगा, वहीं उसकी बहादुरी की हिंदु क्षत्रिय सेना ने प्रशंसा की। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने शेर सिंह राणा को अंतरिम जमानत दे दी।

मां की मदद से बनाया मंदिर
इसके पूरी घटना के बाद शेर सिंह राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई हैं।

2012 में लड़ा चुनाव
इसी दौरान शेर सिंह राणा ने सवर्णों की एक पार्टी बनाई, जिसका नाम रखा राष्ट्रीय जन लोक पार्टी। शेर सिंह ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से सुरेश राणा के खिलाफ चुनाव भी लड़ा, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा।

ठुकराया 10 करोड़ का दहेज
शेर सिंह ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से 20 फरवरी 2018 को दिल्ली के एक होटल में शादी की। जानकारी के अनुसार, इस शादी में राणा को दहेज के तौर पर 10 करोड़ 31 लाख रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन राणा ने ये लेने से इंकार कर दिया और एक चांदी का सिक्का लेकर शादी की रस्में पूरी कीं। इसे लेकर भी राणा काफी चर्चाओं में रहे थे।

2015 में बन चुका है गाना
शेर सिंह पर 2015 में गाना भी बनाया जा चुका है, जो पंजाबी में है। इस रैप सान्ग को यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया है, जिसे शेर सिंह नामक चेनल पर 42 हजार से ज्यादा बार देखा गया है।

लिखी जेल डायरी
शेर सिंह ने जेल डायरी नाम से एक किताब भी लिखी है, जिसमें जेल के दिन और तिहाड़ से भागने की कहानी है। इस किताब में जेल के दिन और वहां से भागने की कहानी है। किताब में फूलनदेवी की हत्या की भी बात लिखी गई है।

शेर सिंह से लिए फिल्म के राइट्स
जब इस फिल्म को लेकर हमारे संवाददाता ने इस फिल्म के डायरेक्टर विनोद भानुशाली से बात की तो उन्होंने कहा ‘कहानी और राइट्स डायरेक्टर श्रीनारायण सिंह के पास काफी टाइम से थे। वो हमारे पुराने दोस्त हैं। इसलिए मैंने जब भानुशाली स्टूडियो कंपनी खोली तो हमने साथ में इस सब्जेक्ट पर काम करना तय किया।’ बता दें कि शेरसिंह इस फिल्म के बनने को लेकर काफी खुश हैं और वो विद्युत जामवाल द्वारा उनका रोल प्ले करने को लेकर भी एक्साइटेड हैं। गौरतलब है कि शेरसिंह ने फिल्म में राजपूत डायरेक्टर और एक्टर के होने से खुशी जाहिर की है।

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