Home Technology News प्रौद्योगिकी iPhone 13 Series Satellite Phone; Check Hardware Components And Specifications | अमेरिकी यूजर्स को मिल सकती है सैटेलाइट कनेक्टिविटी, इसके लिए क्वालकॉम की खास चिप मिलने की उम्मीद; भारत में क्या है इससे जुड़ा कानून

iPhone 13 Series Satellite Phone; Check Hardware Components And Specifications | अमेरिकी यूजर्स को मिल सकती है सैटेलाइट कनेक्टिविटी, इसके लिए क्वालकॉम की खास चिप मिलने की उम्मीद; भारत में क्या है इससे जुड़ा कानून

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iPhone 13 Series Satellite Phone; Check Hardware Components And Specifications | अमेरिकी यूजर्स को मिल सकती है सैटेलाइट कनेक्टिविटी, इसके लिए क्वालकॉम की खास चिप मिलने की उम्मीद; भारत में क्या है इससे जुड़ा कानून

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एक घंटा पहले

आज की रात स्मार्टफोन इंडस्ट्री में नया इतिहास लिख सकती है। खबरें हैं कि आज रात 10:30 बजे लॉन्च होने वाली आईफोन 13 सीरीज में सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिल सकती है। यानी बिना नेटवर्क के भी फोन पर बात की जा सकेगी। यदि ऐसा होता है तो आईफोन ग्राहकों के लिए ये किसी चमत्कार की तरह होगा। क्योंकि उनके कॉलिंग से जुड़े काम चलते रहेंगे।

अब सवाल ये उठता है कि आईफोन 13 में ऐसा क्या मिलेगा कि ये सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा? ये काम कैसे करेगा? ऐसे फोन को भारत में इस्तेमाल करने को लेकर क्या नियम हैं? इन सभी बातों को जानते हैं…

पहले जानते हैं आईफोन 13 में ऐसा क्या मिलेगा जिससे ये फोन सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा

एपल के एनालिस्ट मिंग-ची कुओ के अनुसार, आईफोन 13 मॉडल में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट कम्युनिकेशन मोड मिल सकता है। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसकी मदद से यूजर्स बिना नेटवर्क के कॉल और मैसेज कर सकेंगे। LEO सैटेलाइट उन सैटेलाइट पर निर्भर होते हैं जो निचली ऑर्बिट में होते हैं जो इंटरनेट बीम करने के लिए जाने जाते हैं।

आईफोन 13 में यह कैसे काम करेगा?
द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक आईफोन 13 में सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए क्वालकॉम की कस्टमाइज X60 बेसबैंड चिप का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आईफोन 13 यूजर्स को फोन कॉल करने और मैसेज भेजने की अनुमति देगा। भले ही उनके पास कोई 4G या 5G टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क नहीं हो। कुओ के मुताबिक, यूजर्स को LEO कनेक्टिविटी देने के लिए नेटवर्क ऑपरेटर्स को ग्लोबलस्टार के साथ काम करना होगा, जो अमेरिका की सैटेलाइट कम्युनिकेशंस कंपनी है। हालांकि, ये आईफोन भारत में भी सैटेलाइट पर काम करेगा या नहीं, इस बारे में एनालिस्ट ने कुछ नहीं कहा है।

अभी तक किसी दूसरी कंपनी ने अपने स्मार्टफोन में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई दूसरे ब्रांड्स इस पर काम कर रहे हैं, लेकिन 2022 तक इंतजार करना होगा, क्योंकि क्वालकॉम की X65 बेसबैंड चिप तभी लॉन्च होगी। ऐसे में एपल इसका उपयोग करने वाली पहली कंपनी बन सकती है।

भारत में सैटेलाइट फोन को लेकर क्या है नियम?
दूरसंचार विभाग पर दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत में सैटेलाइट फोन प्रतिबंधित नहीं हैं। हालांकि, इन्हें इस्तेमाल करने के लिए सरकार से कुछ परमिशन लेना जरूरी हो जाता है। जो लोगो सैटेलाइट फोन को खरीदते हैं उन्हें दूरसंचार विभाग से परमिशन या NOC लेनी होती है। साथ ही यूजर को ऐसा फोन चलाने के लिए लाइसेंस भी दिया जाता है।

  • भारत सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक, भारतीय वायरलेस अधिनियम की धारा 6 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 20 के तहत भारत में थुरया/इरिडियम सैटेलाइट फोन का उपयोग प्रतिबंधित है।
  • भारत में आने वाले विजिटर्स या टूरिस्ट यदि सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी भारतीय सरकार को देना होगी। इसे ऑपरेट करने की परमिशन और लाइसेंस भी लेना होगी। यदि ऐसा नहीं होता है तब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
  • भारत में किसी भी व्यक्ति के पास अनऑथराइज्ड सैटेलाइट फोन मिलने पर भारतीय कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जा सकता है। उस व्यक्ति के पास मौजूद सभी अनऑथराइज्ड हैंडसेट को भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जब्त किया जाएगा।
  • भारत आने वाले सभी टूरिस्ट और विजिटर्स को इस बात की सलाह दी जाती है कि वे भारतीय कानून का पालन करें और यदि उनके पास कोई सैटेलाइट फोन है तब वे उसे भारत में लेकर नहीं आएं या उसका इस्तेमाल नहीं करें।

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