Home Technology News प्रौद्योगिकी It has sold more than 90 thousand electric vehicles so far, two new features will be launched soon | कंपनी ने अब तक 90 हजार से ज्यादा स्कूटर बेचे, जल्द ही लाएगी ई-बाइक्स

It has sold more than 90 thousand electric vehicles so far, two new features will be launched soon | कंपनी ने अब तक 90 हजार से ज्यादा स्कूटर बेचे, जल्द ही लाएगी ई-बाइक्स

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

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ओकिनावा स्कूटर्स, नाम से लगा होगा कि यह कोई विदेशी ब्रांड है, लेकिन, इसे भारत के जितेंद्र शर्मा ने बनाया है। दरअसल जापान के ओकिनावा नाम का आइलैंड है। जब इसके को फाउंडर शर्मा ओकिनावा घूमने गए थे तो उनको वहां का शांत और साफ वातावरण पसंद आया था। इसलिए उन्होंने इस इलेक्ट्रिक व्हीकल का नाम ओकिनावा रखा, जिससे वातावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने भारत में आकर एक इलेक्ट्रिक वाहन के स्टार्टअप करने का फैसला लिया। अभी ओकिनावा के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में दूसरे नंबर पर है। वहीं हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल पहले स्थान बना है।

हाल ही में ऑटोकार प्रोफेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, हीरो इलेक्ट्रिक ने 2020 में 8,111 यूनिट की बिक्री के साथ सबसे आगे थी। उसके बाद ओकिनावा ऑटोटेक ने 5,564 यूनिट की बिक्री के साथ दूसरे नंबर पर थी। पिछले साल महामारी की वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल के ग्रोथ कम होने के अनुमान के बावजूद ओकिनावा स्कूटर्स ने इस साल बिक्री तीन गुना करने का प्लान बनाया है।

सिर्फ 10 टू-व्हीलर ब्रांड को फेम-2 की सब्सिडी मिली

इसी क्रम में रिसर्च एनालिस्ट, सौमेन मंडल का मानना है कि भारत में दूसरी कोविड-19 लहर से ईवी स्टार्टअप पर असर पड़ेगा। वे कहते हैं, भारत में हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री 2020 में 5% घटकर 25735 यूनिट रह गई। जबकि इसके पिछले साल 2019 में 52959 यूनिट की बिक्री हुई थी। जिसमें 31813 यूनिट ही फेम – 2 (FAME) योजना के लिए योग्य थी। वहीं केवल 10 टू-व्हीलर ब्रांड को ही फेम-2 की सब्सिडी मिली।

फेम योजना के तहत भारत सरकार ने मार्च 2022 तक 10 लाख टू- व्हीलर इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचने की कोशिश में है, लेकिन कंज्यूमर को लुभाने में असफल रही है। कड़े नियम की वजह से समान बनाने वाले लोकल लोगों को मदद नहीं मिल पा रही है। जिससे कस्टमर इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ती नहीं मिल रही हैं।

गैजेट NDTV से बातचीत में कंपनी के फाउंडर ने कंपनी के सफर और भविष्य के प्लान के बारे में बात की:

ऑटोमोबाइल के 20 साल के अनुभव से शुरू की खुद की कंपनी

वे सबसे पहले साढ़े 3 साल तक LML क्वालिटी डिपार्टमेंट में काम किया। इसके बाद भारत के गुरुग्राम में होंडा के टू व्हीलर प्लांट में रहे। टू व्हीलर सेगमेंट को 20 साल बिताने के बाद उन्होंने नई टू व्हीलर ब्रांड बनाने की सोची। ऐसा टू व्हीलर जो लोगों की सुविधा के साथ इको-फ्रेंडली भी हो, ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण मुक्त हवा मिल सके।

जापान में ओकिनावा आइलैंड की ट्रिप ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बनाने के लिए प्रेरित किया। ओकिनावा के लोग कम प्रदूषण की वजह से ज्यादा वर्ष तक जीते हैं। ओकिनावा ऑटोटेक कंपनी को लाने की वजह एक अच्छा वातावरण तैयार करना है। अभी तक 90 हजार से ज्यादा ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर रोड पर दौड़ रही हैं। हम लगातार लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन के इस्तेमाल करने को लेकर जागरूक कर रहे हैं।

शुरूआत में फाइनेंसिंग और सप्लायर तक नहीं मिल रहे थे

शुरुआत में कंज्यूमर के फाइनेंस और अच्छे सप्लायर को लाने जैसी चुनौती थी, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल के पार्ट्स बना सकें। अहम बात यह थी कि कंज्यूमर को इलेक्ट्रिक व्हीकल के बारे में यकीन दिलाना। शुरूआत में इसको लेकर लोगों में कई गलत धारणाएं थीं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल को बेचने के लिए शोरूम मालिकों राजी करना कि इन आने वाले गाड़ी का भविष्य है। खुद को बिजनेस करने के लिए साबित करना शामिल है। वहीं बैंकों को यह समझाना कि इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री बढ़ेगी। उसे फाइनेंस कराना ताकि बिजनेस को बढ़ावा मिले। कई कंज्यूमर को ओकिनावा को खरीदने के लिए मेहनत की। हमने कस्टमर्स से गाड़ियां चलवाईं, ताकि वे इसके परफॉर्मेंस को समझ सकें। इसे चलाने में सर्विसिंग का कम खर्च है। यह भी कि इससे पूरे समाज को लाभ होगा।

कीमत और बैटरी

सबसे सस्ता स्कूटर ओकिनावा R30 है जो भारत में 58,785 रुपए की कीमत से शुरु होता है। इसमें 5 कलर ऑप्शन मिलते हैं। गाड़ी में लिथियम-आयन वाली बैटरी लगी हुई है, जो ओकिनावा की पहचान है। यूजर्स किसी भी सामान्य प्लग प्वॉइंट का उपयोग करके बैटरी निकाल सकता है और चार्ज कर सकता है। यह आपके मोबाइल फोन को चार्ज करने जैसा ही है। 80 प्रतिशत बैटरी चार्ज करने में केवल 45 मिनट लगते हैं। पूरी बैटरी चार्ज करने में दो से तीन घंटे का समय लगता है।

राजस्थान में नया प्लांट बनाने की पहल

शर्मा 150 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते हैं। इससे वे राजस्थान में एक नई मैन्युफैक्चरिंग सुविधा तैयार करेंगे। शुरू में पहले फेज में 5 लाख से 6 लाख इलेक्ट्रिक टू- व्हीलर यूनिट और भविष्य में 10 लाख तक यूनिट तैयार किए जाएंगे। कंपनी जल्द ही भारतीय बाजार में एक E-मोटरबाइक पेश करने की भी योजना बना रही है।

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