Home खाना Karauli : इस स्पेशल मीठे के शौकीनों का ठिकाना है झंडू महाराज की दुकान, मिस न करें 70 साल पुराना स्वाद

Karauli : इस स्पेशल मीठे के शौकीनों का ठिकाना है झंडू महाराज की दुकान, मिस न करें 70 साल पुराना स्वाद

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Karauli : इस स्पेशल मीठे के शौकीनों का ठिकाना है झंडू महाराज की दुकान, मिस न करें 70 साल पुराना स्वाद

रिपोर्ट – मोहित शर्मा

करौली. शहर के बड़े बाजार में स्थित झंडू रबड़ी वालों को भला कौन नहीं जानता. करौली में जब भी रबड़ी का जिक्र होता है तो झंडू महाराज की रबड़ी की याद आ ही जाती है. यह लच्छेदार रबड़ी करौली ही नहीं पूरे राजस्थान के कई इलाकों में अपने लज़ीज़ स्वाद के कारण लोगों के दिलों पर 70 साल से राज कर रही है. आमतौर पर रबड़ी तो हर जगह मिल जाती है लेकिन झंडू महाराज की रबड़ी के जैसे लच्छे आपको कहीं नहीं मिलेंगे. पीढ़ियों का व्यवसाय और शोहरत बन रही इस रबड़ी की रेसिपी और मूल्य भी आपको जानना चाहिए.

झंडू महाराज के नाम से ख्याति प्राप्त करौली के प्रसिद्ध हलवाई बृजमोहन हरदेनिया जी थे, जिन्होंने करौली को रबड़ी के नाम से भी पहचान दिलवाई. झंडू महाराज के देहांत के बाद वर्तमान मे उनके बड़े बेटे कन्हैया हरदेनिया ने रबड़ी बनाने की कमान को संभाल लिया है, विरासत को संभालते हुए कन्हैया अपने पिताजी की ख्याति प्राप्त रबड़ी को और भी मशहूर कर रहे हैं. अजब स्वाद और गजब की संतुलित मिठास के चलते झंडू महाराज की रबड़ी कई सालों से शौकीनों की ज़बान पर राज कर रही है.

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तीन पीढ़ियों से बरकरार है फेमस रबड़ी की ज़ायका

रबड़ी बनाने वाले कन्हैया हरदेनिया बताते हैं ‘पहले हमारे पिताजी रबड़ी बनाते थे, अब हम बना रहे हैं और आगे के लिए हमने अपने बच्चों को भी तैयार कर दिया है.’ कन्हैया का मानना है कि जब तक परिवार के लोग व्यवसाय आगे बढ़ाएंगे तो गुणवत्ता भी प्रभावित नहीं होगी और ग्राहक भी संतुष्ट रहेंगे. उनके मुताबिक इसी तरह उनके पिता का नाम और बढ़ता रहेगा.

कैसे बनती है यह खास रबड़ी और क्या है मूल्य?

कन्हैया बताते हैं कि सबसे पहले भट्टी पर तीन कढ़ाई रख दी जाती हैं. फिर 8-8 लीटर दूध हर कढ़ाई में डालकर उबाला जाता है. दूध में उबाल आने के बाद मलाई के लच्छों को कढ़ाई के सिरों पर चिपकाया जाता है और पूरी तरह पक जाने पर चीनी व इलायची का पाउडर डाला जाता है. कन्हैया बताते हैं कि रोज 50 से 60 किलो रबड़ी बनाई जाती है, जिसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस प्रसिद्ध रबड़ी का मूल्य 340 रुपए किलो है.

Tags: Karauli news, Street Food

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