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4 घंटे पहले
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एक्ट्रेस सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि वो डिंपल चीमा से नहीं मिले हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कैप्टन विक्रम की बायोपिक ‘शेरशाह’ को देखकर वो जरूर मुस्कुराई होंगी। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म में सिद्धार्थ ने कैप्टन विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई है। डिंपल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिक की प्रेमिका थीं। ‘शेरशाह’ में, सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके जुड़वां विशाल बत्रा की दोहरी भूमिका निभाई है। साथ ही एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने डिंपल चीमा की भूमिका निभाई है।
सिद्धार्थ डिंपल चीमा से कभी नहीं मिले
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा, “मैं उनसे कभी नहीं मिला, लेकिन मुझे उम्मीद है कि उन्होंने फिल्म ‘शेरशाह’ को देख कर मुस्कुराया होगा। मुझे यकीन है कि उनके लिए भी यह बहुत मुश्किल घड़ी है, लेकिन मैं वास्तव में उनकी प्राइवेसी की भावना की सराहना करता हूं और कैप्टन विक्रम बत्रा के प्रति उनके प्यार की प्योरिटी की भी है।”
फिल्म को मिलने वाले प्यार से बहुत खुश हैं सिद्धार्थ
यह पूछे जाने पर कि क्या वो फिल्म में अपनी पर्फोर्मेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की उम्मीद कर रहे हैं, इस पर सिद्धार्थ ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि आप ऐसा सोचते हैं। लेकिन अभी मैं सिर्फ इस फैक्ट को एंजॉय कर रहा हूं कि लोग मेरे काम को पसंद कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है जो एक एक्टर को सरकार से मिल सकता है। मैं अभी इसके बारे में वास्तव में नहीं सोच रहा हूं, लेकिन वास्तव में फिल्म को मिलने वाले प्यार और सराहना से मैं बहुत खुश हूं।”
कियारा डिंपल से चंडीगढ़ में मिली थीं
कियारा ने इससे पहले एक इंटरव्यू में कहा था, “सौभाग्य से, मुझे डिंपल से मिलने का मौका मिला, जिससे मुझे उनकी इमोशनल जर्नी को समझने में मदद मिली। मैं उनसे फिल्म की शूटिंग से पहले चंडीगढ़ में मिली थी। जब वो मुझे अपनी कहानी सुना रही थीं, तो मुझे उनकी आंखों में बहुत प्यार दिखा। मुझे वो बहुत इंस्पायरिंग लगीं।”
कप्तान विक्रम बत्रा के ऊपर बनी है फिल्म ‘शेरशाह’
कप्तान विक्रम बत्रा ने साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपनी जिंदगी को राष्ट्रसेवा में लगा दी। उनकी बहादुरी की वजह से उन्हें ‘शेरशाह’ कहा जाता था। फिल्म ‘शेरशाह’ में सिद्धार्थ बत्रा की कहानी को जीवंत करेंगे। विक्रम बत्रा के शहीद होने के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। इस फिल्म को विष्णु वर्धन ने डायरेक्ट किया है।
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