![The trio of ‘Sooryavanshi’ will be seen again in ‘Singham 3’ | ‘सूर्यवंशी’, ‘पठान’, ‘टाईगर 3’ से स्टार पावर से लैस फिल्मों का ट्रेंड फिर से हुआ शुरू, ‘सिंघम 3’ में फिर दिखेगी ‘सूर्यवंशी’ की तिकड़ी The trio of ‘Sooryavanshi’ will be seen again in ‘Singham 3’ | ‘सूर्यवंशी’, ‘पठान’, ‘टाईगर 3’ से स्टार पावर से लैस फिल्मों का ट्रेंड फिर से हुआ शुरू, ‘सिंघम 3’ में फिर दिखेगी ‘सूर्यवंशी’ की तिकड़ी](https://karkey.in/wp-content/uploads/https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/11/07/untitled-72_1636292110.jpg)
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एक घंटा पहले
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हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘सूर्यवंशी’ से बॉलीवुड में एक बार फिर स्टार पावर से लैस मल्टीस्टारर फिल्मों का चलन शुरू होने वाला है। हालांकि ‘पठान’, ‘टाईगर 3’ और ‘जी ले जरा’ तो आधिकारिक तौर पर उसी जोन की फिल्में है। ‘पठान’ में जहां शाहरुख खान और जॉन अब्राहम का फेस ऑफ है, वहीं सलमान का इसमें छोटा सा कैमियो रोल है। कुछ साल पहले शाहरुख खान ने सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ में कैमियो किया था। ट्रेड सूत्रों का दावा है कि ‘पठान’ में सलमान उसका कर्ज उतार रहे हैं। शाहरुख भी ‘टाईगर 3’ में कैमियो रोल में हैं। इसी तरह का रिश्ता अजय देवगन, अक्षय कुमार और रणवीर सिंह आपस में निभाने वाले हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि स्टूडियोज भंसाली और राजमौली से एक ऐसी स्क्रिप्ट बनाने की डिमांड कर रहे, जिसे तीनों खान एक्सेप्ट कर सकें।
‘सूर्यवंशी’ में जहां पहले अजय देवगन और रणवीर सिंह ने एक्सटेंडेड कैमियो किया, वहीं अब ‘सिंघम 3’ में अजय के लिए अक्षय और रणवीर सिंह एक्सटेंडेड कैमियो करने वाले हैं। रोहित शेट्टी के करीबियों ने इसकी पुष्टि की है। यशराज फिल्म्स भी एक स्पाई यूनिवर्स क्रिएट कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसमें ‘टाइगर’, ‘वॉर’ और ‘पठान’ फ्रेंचाइजी से रॉ एजेंट्स के किरदार निभाने वालों यानी सलमान, ऋतिक, शाहरुख, टाइगर बोर्ड पर आ सकते हैं। शाहरुख, आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में भी हैं। उन्होंने उसमें खुद को ही प्ले किया है, यानी फिल्म के स्टार शाहरुख खान ही हैं।
‘प्यार का पंचनामा’ का अगला पार्ट जल्द हो सकता है प्लान
उधर, ‘सिंघम 3’ में क्रॉस बॉर्डर इंडो पाक टेरेरिज्म की कहानी है। यह अगले साल सितंबर तक फ्लोर पर जाएगी। फिर साल 2023 में इंडिपेंडेंस डे के मौके पर रिलीज होगी। रोहित की तैयारी तो रणबीर कपूर और रणवीर सिंह को लेकर फिल्म ‘राम लखन’ की रीमेक लाने की भी है। उनके अलावा लव रंजन के कैंप में भी चर्चा है कि रणबीर और रणवीर को कार्तिक आर्यन के साथ मिलाकर ‘प्यार का पंचनामा’ का अगला पार्ट प्लान हो सकता है।
अजय देवगन और सैफ अली खान ने अपने करियर के हर स्टेज पर दो या मल्टी स्टार वाली फिल्में की हैं। अजय की ‘युवा’ से लेकर ‘ओमकारा’, ‘खाकी’, ‘तान्हाजी’ रही हैं तो सैफ ने आमिर के साथ ‘दिल चाहता है’, सलमान संग ‘हम साथ साथ हैं’, अजय देवगन के साथ ‘कच्चे धागे’ तो चंद्रचूड़ सिंह के साथ ‘क्या कहना’ की थी। ये सब उस दौर में सेम स्टार पावर होल्ड करते थे।
ऋतिक रोशन नहीं भागते हैं सोलो हीरो वाले रोल्स से
सैफ तो अब भी यह सिलसिला जारी रख रहे हैं। वो नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी के साथ वेब सीरिज ‘सेक्रेड गेम्स’ करते हैं। आगे ऋतिक रोशन संग ‘विक्रम वेदा’ तो उभरते हुए स्टार सिद्धांत चतुर्वेदी संग ‘बंटी और बबली 2’ कर रहें हैं। ऋतिक रोशन भी सिर्फ सोलो हीरो वाले रोल से दूर नहीं भागते रहें हैं। अपने अपोजिट वो पावरफुल एक्टर्स के साथ पेयर होते रहें हैं। वो चाहे ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ हो या फिर अब ‘विक्रम वेदा’। यहां उनका सैफ अली खान के साथ फेस ऑफ है।
कोविड से ठीक पहले ऐसा एक और उदाहरण ‘वॉर’ का है। वहां टाइगर श्रॉफ के साथ उनकी बराबर की टक्कर थी। ऋतिक ने हालांकि इसके पार्ट 2 के लिए जरूर कहा है कि वो उनके किरदार कबीर का स्पिन ऑफ हो सकता है। आयुष्मान खुराना ने तो ‘बरेली की बर्फी’ में नीतेश तिवारी से राजकुमार राव को दिलचस्प रोल देना सजेस्ट किया था। दोनों के किरदारों की आपसी जुगलबंदी ने फिल्म को मनोरंजक बना दिया। दोनों प्रतिभाशाली एक्टर थे, लिहाजा अपने अपने किरदारों के साथ उन्होंने जस्टिफाई किया था।
वेटरन जर्नलिस्ट इंदरमोहन सिंह पन्नू ने की इसके बारे में बात
कट्रीना कैफ दिसंबर में ‘टाईगर 3’ का शेड्यूल पूरा करने के बाद जोया और फरहान अख्तर की फिल्म ‘जी ले जरा’ करेंगी। वहां फीमेल स्टार पावर के तौर पर प्रियंका चोपड़ा और आलिया भट्ट भी साथ हैं। वेटरन जर्नलिस्ट इंदरमोहन सिंह पन्नू कहते हैं, “स्टार पावर का चलन तो रहा है। ‘कभी खुशी कभी गम’ के बाद वह जरा कम हुआ था। स्टार्स दरअसल खुद ही प्रोड्युसर्स बन गए। बड़े स्टेक दांव पर लगने लगे। तो सोलो हीरो का चलन बढ़ा। हालांकि असलियत यह है कि स्टार पावर वाली फिल्मों के सैटेलाइट राइट्स ऊंची कीमतों पर बिकते रहे हैं। आज ओटीटी के आने के बाद से मोटी रकम हासिल करने के लिए मेकर्स को बड़े सितारे बोर्ड पर लाने पड़ रहे हैं।”
ट्रेड एनैलिस्ट अतुल मोहन ने भी शेयर किए अपने विचार
ट्रेड एनैलिस्ट अतुल मोहन भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। इस बारे में बात करते हुए वो कहते हैं, “जरूरी नहीं कि स्टार पावर वाली फिल्में हिट की गारंटी हो ही। ‘कलंक’ में कई स्टार थे, लेकिन वो फिल्म नहीं चली थी। सत्तर और अस्सी के दशक में कीनन स्टार पावर वाली फिल्मों का चलन था। तब के सितारों में ईगो इश्यु नहीं होते थे साथ ही इनसिक्योरिटी भी कम रहती थी। ऐसे में वो साथ ऑन बोर्ड आने में नहीं कतराते थे। वो चाहे तब के जमाने में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, देव आनंद, धर्मेंद्र, राजेंद्र कुमार आदि जैसे बड़े नाम क्यों न हों। फिर जब 90 का दशक शुरू हुआ और आमिर खान की ‘कयामत से कयामत तक’ हिट हुई तो मेकर्स को लगा कि सोलो हीरो प्रोजेक्ट से ही अच्छा बॉक्स ऑफिस मिलेगा। साथ ही सितारों की तारीखें मिलने की झंझट से भी छुटकारा मिलेगा। अब मगर ज्यादा कमाई के लिए स्टार पावर वाली फिल्मों के पास वो फिर से रुख कर रहें हैं।”
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