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पेट, हृदय के लिए फायदेमंद अनारदाना भोजन का बढ़ाए स्वाद, जानिए इसका रोचक इतिहास और गुण

हाइलाइट्स

‘चरकसंहिता’ में अनार को स्निग्ध, गर्म व हृदय के लिए लाभकारी माना गया है.
आधा कप अनारदाने में 72 कैलोरी, 1.5 ग्राम प्रोटीन, 16.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट आदि होते हैं.
यह शरीर के लिए लाभकारी है और इसमें औषधीय गुण भी हैं.

Anardana Benefits and History: भोजन में स्वाद भरने के लिए मसाले के रूप में अनारदाने (साबुत व पीसा हुआ) का प्रयोग सालों से किया जा रहा है. यह खाने में अलग तरह का खट्टापन पैदा करता है, जो अन्य मसाले नहीं कर पाते. विशेष बात यह है कि यह शरीर के लिए लाभकारी है और इसमें औषधीय गुण भी हैं. इसके सेवन से पेट (पाचन सिस्टम) दुरुस्त रहता है और हृदय के लिए भी गुणकारी है. हजार साल पुराना है अनारदाने का इतिहास. भारत में तो कुछ खास प्रकार के भोजन के लिए यह एक आवश्यक मसाला है.

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अनारदाना भोजन में विशेष तरह का खट्टापन करे पैदा

आप किसी नामी आउटलेट पर छोले-भटूरे खाकर यह महसूस करेंगे कि यह गरिष्ठ भोजन तो पेट में भारीपन पैदा नहीं कर रहा, साथ में छोले का स्वाद भी बेहतरीन है, तो मान लीजिए कि यह सब अनारदाने का कमाल है. यह एक बेहतर मसाला है और इसमें जो विशेष तरह का खट्टापन (कुछ-कुछ मीठा भी) है वह इमली और अमचूर से अलग है. आप पाएंगे कि जो भी भोजन भारी-भरकम माना जाता है, उसमें अनारदाना स्वाद तो भरता ही है, साथ ही उसे पेट के लिए ‘हल्का’ भी कर देता है. रेड मीट के शौकीन लोग तो अनारदाना डालकर ही उसे इसलिए तैयार करते हैं. अनारदाना असल में अनार से निकले गूदे का ही सूखा रूप है. इसे कुछ दिन धूप में सूखाकर और आजकल औद्योगिक निर्जलीकरण द्वारा सुखाकर मसाला बना दिया जाता है. असल में यह भोजन में विशेष प्रकार का ‘Acidulant’ पैदा करता है यानी अनारदाना किसी अन्य पदार्थ के साथ मिलकर उसकी अम्लता को बढ़ा देता है.

अनारदाना असल में अनार से निकले गूदे का ही सूखा रूप है.

सबसे पहले मसाले के रूप में ईरान में हुआ इस्तेमाल

जैसा कि अनार का इतिहास बेहद प्राचीन है तो अनारदाना भी उसके समकक्ष है. खोज बताती है कि अनार की खेती हजारों साल से मिस्र, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, भारत, बर्मा, चीन और सऊदी अरब के क्षेत्र में की जा रही है. यह फल इतना महत्वपूर्ण है कि विश्व के तीन प्रमुख धर्म हिंदू, ईसाई व इस्लाम के धर्मग्रंथों में इसका वर्णन है. भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में अनार को स्निग्ध, गर्म व हृदय के लिए लाभकारी माना गया है. कहा गया है कि यह शरीर के पित्त को नष्ट करता है. माना जाता है कि अनारदाने का मसाले के रूप में सबसे पहले इस्तेमाल ईरान में हुआ. वहां मांसाहारी भोजन को पाचक बनाने के लिए इसका उपयोग शुरू हुआ, लेकिन भारत में भी अनारदाने का प्रयोग हजारों सालों से हो रहा है. मसाला प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले व भारत की एग्मार्क लैब के संस्थापक निदेशक जीवन सिंह प्रुथी के अनुसार, भारत के उत्तरी राज्यों में अमचूर की तरह भोजन में खटाई के लिए अनारदाने का हजारों वर्षों से उपयोग हो रहा है. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘Spcices And Condiments’ में यह भी जानकारी दी है कि अनारदाने का चटनी में भी इस्तेमाल होता है. यह भूख बढ़ाता है और दिल को ताकत देता है. इसका सिरप भी शरीर के लिए लाभकारी है.

यह फल इतना महत्वपूर्ण है कि विश्व के तीन प्रमुख धर्म हिंदू, ईसाई व इस्लाम के धर्मग्रंथों में इसका वर्णन है.

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दिल को रखे दुरुस्त, बैड केलेस्ट्रॉल करे कम

एक आधुनिक रिपोर्ट कहती है कि आधा कप अनारदाने में 72 कैलोरी, 1.5 ग्राम प्रोटीन, 16.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1 ग्राम अच्छा वसा, 3.5 ग्राम फाइबर और 11.9 ग्राम चीनी पाई जाती है. यह विटामिन सी और के का अच्छा स्रोत है, साथ ही इसमें पोटैशियम और कॉपर की महत्वपूर्ण मात्रा होती है. अनारदाने के यही गुण उसे पेट के लिए लाभकारी तो बनाते ही हैं, साथ ही हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अनारदाने में पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट (ऊतकों और दिल को विकृति से बचाने वाले तत्व) होते हैं, जो एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल का मुकाबला करते हैं. यह धमनियों को कठारे होने से रोकता है. यह मसाला घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर से भरपूर है. ये फाइबर सेहत के लिए जरूरी हैं. घुलनशील फाइबर आंत में फूलकर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और चीनी को सोख लेता है, जिससे शुगर व कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल रहता है. दूसरी ओर अघुलनशील फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और पाचन सिस्टम को दुरुस्त रखता है.

अधिक खाने से होती है एसिड की समस्या

फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार, अनारदाने में पाया जाने वाला विटामिन सी रक्त कोशिकाओं को आराम पहुंचाता है. इस कारण ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो जाता है. इसका उपयोग आंतों में बैक्टीरिया व सूजन को रोकता है और लूज़मोशन को कंट्रोल करता है. अनारदाने को पानी में उबालकर पिया जाए तो शरीर में रेड ब्लड का लेवल बढ़ जाता है. गठिया से पीड़ित लोगों के लिए इसका सेवन लाभकारी है. अनारदाने में प्राकृतिक रूप से पॉलीफेनॉल्स (एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट) पाए जाते हैं. यह तत्व मेमोरी पावर को बढ़ाता है. अगर भोजन में अनारदाने का ज्यादा प्रयोग किया तो यह स्वाद तो बिगाड़ेगा साथ ही पेट में एसिड पैदा कर देगा. जिन लोगों को खांसी की समस्या है, उन्हें अनारदाने वाले भोजन से परहेज करना चाहिए.

Tags: Food, Lifestyle

Mr.Mario
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