हाइलाइट्स
माना जाता है कि 6000 वर्ष पूर्व सलाद पत्ता अस्तित्व में आया.
सलाद पत्ता भूख तो बढ़ाता ही है, साथ ही नींद लाने में भी मददगार है.
अमेरिका में 1600 के दशक में इसकी खेती शुरू हुई.
Lettuce Benefits and History: भारत में सलाद का मतलब गाजर, मूली, खीरे, टमाटर से बनाया गया मिश्रण, जिसे नमक-मसाले डालकर कच्चा खाया जा सकता है, लेकिन अकेला सलाद का पत्ता (Lettuce) एक ऐसा पौधा है, जिसमें इनके सभी गुण मौजूद हैं. यह भूख तो बढ़ाता ही है, साथ ही नींद लाने में भी मददगार है. यह पौष्टिकता से भरपूर है और इसमें विटामिन्स व मिनरल्स शरीर के लिए गुणकारी हैं. यह हजारों वर्ष पुराना पौधा है, लेकिन आधुनिक युग में बढ़ती पाचन समस्याओं को देखते हुए इसका उपयोग बहुत बढ़ गया है. जंक फूड बर्गर, सैंडविच आदि में अब इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है.
बढ़ रहा है सलाद पत्ता खाने का चलन
आज पूरी दुनिया सलाद के पत्ते को जानती है और आहार के रूप में इसका सेवन करती है. इसकी हजारों किस्में हैं, जिनमें खेती योग्य और जंगली भी हैं, लेकिन खाने के लिए इसकी चार किस्में ज्यादा मशहूर हैं. जिनमें हल्के हरे रंग का कुरकुरा, संकरी व मोटी पत्तियों वाला ऑगस्टाना, गोभी जैसा दिखने वाला कैपिटाटा और चिकने व लंबे पत्तों वाला लॉन्गिफोलिया शामिल है. अब तो यह पीले, सुनहरे, लाल व नीले पत्तों के रूप में भी उपलब्ध है. यह सलाद सालों से यूरोप और अमेरिका में ज्यादातर खाया जाता था, लेकिन 20वीं शताब्दी के अंत तक यह दुनिया के अधिकतर हिस्सों में भी फैल गया. अब हाल यह है कि सामान्य रूप से खाए जाने के अलावा इसे वेज-नॉनवेज बर्गर में भी फंसाया जाता है, सैंडविच में इसकी बारीक लेयर बिछाई जाती है तो खास किस्म की डिशेज के ऊपर चारों तरफ लपेटकर भी पेश किया जाता है. फ्राई व ग्रिल्ड नॉनवेज के साथ तो इसका गठजोड़ शानदार है. इसे खाने का कोई वक्त नहीं है, जब मन करे सीधा मुंह में डाल लो या ड्रेसिंग कर स्वादिष्ट बनाकर निपटा दो. आज अमेरिका में सब्जियों आदि में आलू के बाद सबसे अधिक सलाद पत्ता ही खाया जाता है.
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सलाद के पत्तों की हजारों किस्में हैं, जिनमें खेती योग्य और जंगली भी हैं.
मिस्र के मकबरों के पेंटिंग में इसकी किस्में दिखाई गई हैं
माना जाता है कि 6000 वर्ष पूर्व सलाद पत्ता अस्तित्व में आया. भारतीय अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी ने मेडिटेरियन सेंटर (भूमध्यसागर के क्षेत्र) से जुड़े देशों को सलाद पत्ते का उत्पत्ति स्थल करार दिया है. इनमें 21 देश शामिल हैं. इनमें अलजीरिया, मिस्र, ग्रीस, इजराइल, मोरक्को, सीरिया, ट्यूनिशिया आदि शामिल हैं. फूड हिस्टोरियन कहते हैं कि बेबोलोनिया सभ्यता में इसे तेल और सिरके के साथ खाया जाता था. प्राचीन मिस्र में बनी कलाकृतियों विशेषकर मकबरे की पेंटिंग्स में इसकी विभिन्न किस्में नजर आती हैं. प्राचीन यूनानी व रोमनकाल में सलाद पत्ते की खेती की जा रही थी. उस समय काल में इसे नींद का प्रेरक माना जाता था. यूनानी विद्वान व आधुनिक चिकित्सा के जनक हिप्पोक्रेट्स (ईसा पूर्व 460 शती) के लेखन में भी इसका जिक्र है.
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माना जाता है कि 6000 वर्ष पूर्व सलाद पत्ता अस्तित्व में आया.
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अमेरिका में 1600 के दशक में इसकी खेती शुरू हुई, उसके बाद आसपास के देशों में भी इसे उगाया जाने लगा. वैसे प्राचीन काल में यह भी मान लिया गया था कि इसका सेवन करने से सेक्स पावर भी बढ़ती है लेकिन इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. सलाद पत्ते को शुरू से ही औषधिय गुणों से भी भरपूर माना गया था. भारत में 19वीं शताब्दी में चीन के माध्यम से इसका प्रवेश माना जाता है. अब यह देश में खूब खाया जाता है. सलाद पत्ते का इतना अधिक प्रचार-प्रसार हो चुका है कि मल्टनेशलन फास्ट फूड चेन कंपनियों ने अपने मैन्यू में अलग से सलाद पत्ते की ड्रेसिंग सलाद को भी जोड़ लिया है.
पोषक तत्वों से भरपूर होता है सलाद पत्ता
शरीर के लिए सलाद पत्ते को बेहद प्रभावी माना गया है. इसके सेवन से भूख बढ़ती है, नींद भी अच्छी आती है और मिनरल्स व विटामिन्स के चलते यह कई रोगों से भी बचाव करता है. ‘VEGETABLES’ पुस्तक के लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने सलाद के पोषक तत्वों की डिटेल जानकारी दी है और बताया है कि 100 ग्राम खाने योग्य सलाद पत्ते में कैलोरी 22, नमी 93.4 ग्राम, प्रोटीन 2.1 ग्राम, फेट 0.3 ग्राम, फाइबर 0.5 ग्राम, मिनरल्स 1.2 ग्राम, कैल्शियम 50 एमजी, फॉस्फोरस 29 एमजी, आयरन 2.4 एमजी, पोटैशियम 33 एमजी, विटामिन सी 10 एमजी, मैग्नीशियम 30 एमजी, सल्फर 27 एमजी के अलावा विटामिन ए व अन्य तत्व भी मौजूद हैं. विशेष बात यह है कि इसकी किस्मों के गुणों में थोड़ा बहुत घटा-जमा जरूर है, लेकिन सारे सलाद पत्ते पोषक तत्वों से भरपूर हैं.
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मिनरल्स व विटामिन्स के चलते यह कई रोगों से भी बचाव करता है.
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सलाद के पत्ते के सेवन से नींद आती है अच्छी
अमेरिका स्थित टेक्सास के एएंडएम विश्वविद्यालय (Texas A&M University) ने एक शोध में जानकारी दी है कि सलाद पत्ते में मस्तिष्क में मौजूद अवसादग्रस्त रसायनों को अलग करने के गुण हैं, जिससे चिंता कम हो जाती है, शरीर शांत होता है, जिसके चलते नींद अच्छी आती है. जानी-मानी फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार, सलाद पत्ते में फाइलोक्विनोन भी पाया जाता है, जो हड्डी को मजबूत बनाता है और दिल की रक्षा करता है. इसमें पाए जाने वाले विटामिन आंखों को स्वस्थ रखते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा को भी बढ़ाते हैं. इसमें मौजूद विटामिन सी की समुचित मात्रा शरीर को संक्रमण से रक्षा करती है. सलाद पत्ते में मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है और रक्त कोशिकाओं में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाता है. यही आयरन मांसपेशियों को भी मजबूत बनाए रखता है. इसमें मौजूद मैग्नीशियम शरीर में ऊर्जा पैदा करता है. इसे अच्छी नींद के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. मैग्नीशियम का सेवन मधुमेह के खतरे को कम करता है.
पाचन सिस्टम भी रखे दुरुस्त लेकिन खाएं ताजा-ताजा
सलाद के पत्ते का सेवन मुंहासों को ठीक करने में मदद करता है और स्किन की समस्याओं से दूर रखता है. चूंकि, यह विटामिन से भरपूर होता है, लेटस कोशिका शक्ति को बढ़ाकर त्वचा को पुनर्जीवित करने में मदद करता है. यह शरीर में एंटी-एजिंग के रूप में कार्य करता है. इसका नियमित सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है. इसमें पाए जाने वाले खनिज की मात्रा शरीर के लिए महत्वपूर्ण तो है ही, साथ ही बालों को भी भरपूर पोषण करती है. इसका सेवन पाचन सिस्टम को भी दुरुस्त बनाए रखता है. इस सिस्टम के ठीक रहने से वजन बढ़ने की संभावना कम हो जाती है. सलाद पत्ते से बड़े दुष्प्रभाव की सूचना नहीं है. इसे अच्छी तरह धोकर खाना ज़रूरी है. अगर यह ताजा न हुआ तो इससे एलर्जी की समस्या पैदा हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 08:35 IST